CG: सरकार का बड़ा एक्शन, एक साथ 22 अफसरों को किया सस्पेंड,करप्शन मामले में सरकार की बड़ी कार्यवाही

CG (संवाद)। सरकार की करप्शन (भ्रष्टाचार) के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ा रही है इसीलिए पूर्व के सरकार में हुए 3 हजार 200 करोड रुपए के बहुतचर्चित आबकारी घोटाले में संलिप्त 22 अफसरों को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के द्वारा सस्पेंशन की कार्यवाही की गई है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के द्वारा की गई कार्यवाही को अन्य राज्यों की अपेक्षा अब तक की बड़ी कार्यवाही माना जा रहा है। इस आबकारी विभाग के शराब घोटाले में 29 अधिकारियों के नाम सामने आए थे जिसमें से सात अधिकारी रिटायर हो चुके हैं शेष 22 को सस्पेंड किया गया है।
छत्तीसगढ़ में कम विष्णु देव साय के नेतृत्व में करप्शन और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। पूर्व की कांग्रेस सरकार में आबकारी विभाग में हुई है। 3200 करोड़ के शराब घोटाले में जांच उपरांत दोषियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। बीते 3 दिन पहले बहुचर्चित शराब करप्शन मामले की जांच (EOW) आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा जांच की गई। जांच में यह साबित हुआ है कि शराब घोटाला कोई अचानक या किसी गलती के कारण किया गया हो बल्कि यह एक सूची समझी रणनीति के तहत और संगठित तरीके से करप्शन किया गया है।
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की जांच उपरांत दोषी अफसरों के नाम सामने आने के बाद विष्णु देव सरकार ने बगैर देर किए 22 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। मामले में सस्पेंड किए गए अफसर में आबकारी उपयुक्त अरविंद कुमार पाटले, नोहर सिंह ठाकुर, अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा और नीतू नोटनी शामिल है।
इसी प्रकार आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त राजेश जायसवाल,मंजुश्री कसेर,विकास कुमार गोस्वामी,प्रमोद कुमार नेताम, , नवीन प्रताप सिंह तोमर, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, नितिन कुमार खंडूजा को सस्पेंड किया गया है।
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