MP:(संवाद)। मध्य प्रदेश में आधिकारिक कर्मचारी के द्वारा रिश्वतखोरी और घूसखोरी चरम पर है इनके द्वारा कोई भी काम बिना रिश्वत के करना नामुमकिन सा लगता है शायद यही वजह है कि मध्य प्रदेश में एक ही दिन में दो अफसर रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए हैं । पहली खबर रीवा जिले से सामने आई है जहां एक एसडीएम के रीडर को 14 हजार की रिश्वत ली, वही इंदौर में श्रम कार्यालय के अधीक्षक के द्वारा 20 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
MP में रिश्वतखोरी चरम पर, एक ही दिन में कोई अफसर 20 हजार तो कोई 14 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश की रीवा जिले के अंतर्गत त्यौथर तहसील में के एसडीएम कार्यालय में पदस्थ एसडीएम के रीडर शशि कुमार विश्वकर्मा के द्वारा फरियादी मजगमा निवासी उमेश शुक्ला से 14000 की रिश्वत ली है। बताया गया कि एक मामले में त्योंथर तहसीलदार के द्वारा स्थगन दिया गया था जिसको लेकर फरियादी एसडीएम कार्यालय में अपील दायर की थी इसी मामले को लेकर तहसीलदार में स्थगन को हटाने के लिए एसडीएम के रीडर शशि कुमार विश्वकर्मा के द्वारा 14000 की रिश्वत ली गई।
MP में रिश्वतखोरी चरम पर, एक ही दिन में कोई अफसर 20 हजार तो कोई 14 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
एसडीएम कॉरिडोर के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त रीवा से कर दी इसके बाद पूरे प्लान के तहत लोकायुक्त ने एसडीएम के रीडर को रिश्वत की राशि 14000 रुपए सहित रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद लोकायुक्त ने रिश्वतखोर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की है।
MP में रिश्वतखोरी चरम पर, एक ही दिन में कोई अफसर 20 हजार तो कोई 14 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
वही दूसरा मामला इंदौर से सामने आया है जहां श्रम विभाग के कार्यालय में पदस्थ अधीक्षक के विजेंद्र कुमार गुप्ता को लोकायुक्त टीम इंदौर ने 20000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। अधीक्षक के द्वारा अपने ही कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों राजकुमार काले से रिश्वत ली। बताया गया कि राजकुमार काले के 36 हजार एरियर के भुगतान के बदले यह रिश्वत मांगी गई थी।
MP में रिश्वतखोरी चरम पर, एक ही दिन में कोई अफसर 20 हजार तो कोई 14 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
आरोपी अधीक्षक विजेंद्र कुमार गुप्ता के द्वारा रिश्वत मांगे जाने पर इस पूरे मामले की शिकायत फरियादी राजकुमार ने लोकायुक्त इंदौर से कर दी। इसके बाद लोकायुक्त ने प्लान बनाकर अधीक्षक को रिश्वत लेने के तुरंत बाद छापा मार करवाई कर रिश्वत की राशि सहित अधीक्षक विजेंद्र कुमार गुप्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है।