इस क्षेत्र को हाथी कारीडोर प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी, बैठक में लिया गया निर्णय, शासन को भेजेंगे प्रस्ताव मंजूरी मिलते ही की जाएगी हाथी प्रोजेक्ट की घोषणा,प्रोजेक्ट में टाईगर रिजर्व बांधवगढ़, शहडोल जिले के अमझोर, जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र,जनकपुर,ब्यौहारी पश्चिम औऱ सीधी जिले का कुछ एरिया शामिल है
Preparations to make this area an elephant corridor project, the decision taken in the meeting, proposal will be sent to the government. Banthavgarh tiger rijarve,Hai singh nagar,majbor forest sub area, janakpur,Beauhari West and some areas of Sidhi district are included.
उमरिया/शहडोल (संवाद)। बड़ी खबर शहडोल संभाग से है जहां हाथी कारीडोर प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। 20 अप्रैल को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व ताला में हुई अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में संपन्न हुई बैठक में वन विभाग शहडोल,उमरिया और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आला अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुई, बैठक में गहन चर्चा और सुझावों के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि क्यों ना इस पूरे क्षेत्र को हाथी प्रोजेक्ट कारीडोर घोषित कर दिया जाए। जिसके बाद सहमति पर इसे हाथी का कारीडोर बनाने का निर्णय लिया गया। जिसमे शहडोल वन विभाग उमरिया वन विभाग और बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के सहित राजस्व अमले की संयुक्त टीम इस पर काम करेगी और प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजेगी। शासन की मंजूरी मिलते ही इसे हाथी कारीडोर और विचरण क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा।
कॉरिडोर में कौन से क्षेत्र होंगे शामिल
जानकारी के मुताबिक हाथी प्रोजेक्ट के तहत कारीडोर बनाने में छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे जनकपुर वन परिक्षेत्र से शहडोल के अमझोर,जयसिंहनगर वन परीक्षेत्र, ब्यौहारी का पश्चिम उत्तर क्षेत्र और सीधी का कुछ इलाका होकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का पनपथा क्षेत्र शामिल किए जाने की बात सामने आई है।
क्षेत्र में आए हाथी वापस नहीं लौटे
जानकारी के मुताबिक काफी समय से उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से जनकपुर के रास्ते जयसिंहनगर अमझोर ब्यौहारी के बाद बांधवगढ़ पहुंचे जंगली हाथी में किसी भी हाथी या हाथियों का दल वापस नहीं लौटा और बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में अपना रहवास बना चुके हैं।
उत्पाती 9 हाथियों का दल पहुंचा पनपथा
पिछले 20 दिनों से शहडोल के जयसिंहनगर,अमझोर परिक्षेत्र में डेरा डाले 9 हत्यारे जंगली हाथियों का दल अब बांधवगढ़ के पनपथा परिक्षेत्र में पहुंच चुका है। बता दें कि पिछले 20 दिनों से जयसिंहनगर अमझोर और परिक्षेत्र के दर्जनों गांवों में दहशत पैदा करने वाले यह 9 हाथियों के दल ने 5 लोगों को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया था जिसके बाद पूरे इलाके के ग्रामीण भयभीत थे। ग्रामीणों ने कईयों रात वन विभाग व पुलिस की मदद से पंचायत भवन और स्कूलों में गुजारी है। कईयों के घर को तहस-नहस कर दिया और फसलें भी नष्ट कर दी।
हाथी प्रोजेक्ट बन जाने से लोगों को होगा फायदा
जानकारी के मुताबिक हाथी प्रोजेक्ट बन जाने के कारण इनसे प्रभावित होने वाले लोगों को अधिक फायदा मिलेगा। बीते 5 सालों से लगातार जंगली हाथी क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं जिससे ग्रामीणों के जान माल का खतरा बना रहता है। किसानों की फसलों को भारी नुकसान होता है वही ग्रामीणों की जान के दुश्मन भी बने हुए हैं। उमरिया,शहडोल अनूपपुर और सीधी जिले के लोग इन जंगली हाथियों से खासा प्रभावित हुए हैं।