Big News: विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में मंडराया बड़ा संकट,CM ने बुलाई आपात बैठक,सरकार की खिंची चिंता की लकीरें

Editor in cheif
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MP (संवाद)। मध्यप्रदेश में जहां नवंबर और दिसंबर माह में विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में सत्तारूढ़ बीजेपी पार्टी सहित कांग्रेस चुनावी तैयारी में जुटी हैं। वहीं प्रदेश का प्रशासनिक अमला भी चुनाव आयोग के निर्देश पर चुनाव संपन्न कराने वोटर लिस्ट सहित अन्य तमाम कामों में लगी है। लेकिन इस बीच मध्य प्रदेश में एक बड़ा संकट मंडरा रहा है, जिसकी चिंता की लकीरें अब बीजेपी सरकार और उसके मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर खिंचने लगी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस खतरे को भांपते हुए आपात बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार के मंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश में आगामी 2 महीने में विधानसभा के चुनाव संपन्न होने हैं ऐसे में राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं जहां वह पूरे मध्य प्रदेश का दौरा कर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है इसके अलावा पूरे प्रदेश भर में अपने-अपने दावों और वादों को लेकर शहर शहर गांव-गांव पहुंचने में जुटे हैं। इस दौरान प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और उसके मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी एक बार फिर सत्ता में काबिज होने प्रदेश भर में दौरे पर हैं।
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र का दौरा कर क्षेत्र में रही सही कसर को पूरा करने में जुटे हैं इसके अलावा क्षेत्र के विकास और आम जनता के लाभ के लिए अनेको योजनाएं चलाकर उनका जीवन स्तर ऊंचा करने के प्रयास में है इस दौरान मुख्यमंत्री तमाम क्षेत्रों में विकास कार्यों के भूमि पूजन और लोकार्पण करने ताबड़तोड़ रैली कर रहे हैं। प्रदेश की आधी आबादी को साधने के लिए सीएम शिवराज ने मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना संचालित कर प्रदेश की प्रत्येक महिलाओं को ₹1000 उनके खाते में देने की योजना चलाई है। इस बीच जहां सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी ताकत से चुनाव में जुटे हैं। चौबीसों घंटे उनका प्रयास है कि प्रदेश में पुनः बीजेपी की सरकार स्थापित हो सके।
इस बीच मध्य प्रदेश में एक बड़ा खतरे की आहट सुनाई दी है। जिसमें यह की इस वर्ष पूरे प्रदेश में अल्प वर्षा के कारण चारों ओर सूखा पड़ गया है। प्रदेश में अच्छी बारिश नहीं होने से जहां किसानों की फसले सूखने की कगार पर हैं, वही विद्युत विभाग के लापरवाही और बिजली की उपलब्धता नहीं दे पानी से किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। गांव में पानी को लेकर हा कर मचा है गांव ग्रामीण के किसान आसमान की ओर टकटकी निगाह से देख रहा है लेकिन बारिश की कहीं उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
जानकारों का मानना है कि कुछ हद तक अभी भी पानी गिर जाने से 50% फसलों को बचाया जा सकता है। जबकि 50% से ज्यादा फसले अब नष्ट हो चुकी है प्रदेश के चारों ओर से ग्रामीण इलाकों से यही खबरें और जानकारी आ रही है कि बारिश जल्द नहीं हुई या  सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हुआ तो पूरे प्रदेश में सूखा पड़ने की पूर्ण संभावना है। प्रदेश की यह हालात होते देखा मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आनन फानन में सरकार के मंत्री और अधिकारियों के साथ आपात बैठक बुलाई है।
सीएम शिवराज ने जन आशीर्वाद रैली से लौटने के बाद भोपाल में आपात बैठक बुलाई है। प्रदेश में सुख की स्थिति से निपटने के लिए सीएम शिवराज ने मंत्रियों और  अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक बुलाई है।इसमें मुख्य सचिव और एसीएस समेत विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और मंत्री उपस्थित रहे हैं। यहां पर सीएम शिवराज ने कहा मैं इस स्थिति में चैन से नहीं बैठ सकता इसलिए “मेरी जितनी हैसियत है, सरकार की जितनी ताकत है उसमें जमीन आसमान एक कर दूंगा।
सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश में अल्प वर्षा से फसलों पर संकट है। वह 3-4 दिनों से पूरे प्रदेश से किसानों से मिल रहै है। इस बार अगस्त पूरा महीना सूखा रहा है। कम बारिश में प्रदेश के कुछ जिले 40 तक चले गए। अल्पवर्षा के कारण किसानों की फसले सूख और बर्बाद हो रही है। कुछ स्थानों में सोयाबीन, धान की फसल संकट की चपेट में है। इस संकट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार किसानों के साथ खड़ी है उन्होंने कहा कि वह ऐसे मुख्यमंत्री नहीं है कि इस संकट की घड़ी में वह हाथ पैर हाथ धरे बैठे रहे। उन्होंने अधिकारी और सरकार के मंत्रियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश भर के क्षेत्र में जाकर अपने अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों से फसलों का आकलन करना प्रारंभ कर दें।
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