Big breaking:1.20 लाख की रिश्वत लेते ट्रैप हुई अधिकारी को सस्पेंड करने की बजाय कर दी गई पोस्टिंग,4 दिन पहले लोकायुक्त ने रंगे हाथ किया था गिरफ्तार,मचा हड़कंप

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उमरिया (संवाद)। मध्य प्रदेश के उमरिया में मध्य प्रदेश शासन के द्वारा जारी पत्र में सवाल खड़े हुए हैं। जहां लोकायुक्त टीम के द्वारा रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद आरोपी आबकारी अधिकारी को सस्पेंड करने की बजाय उसकी नवीन पदस्थापना कर दी गई है। पोस्टिंग संबंधित पत्र जारी होने के बाद पूरे आबकारी महकमें हड़कंप मचा हुआ है। मामले में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोर अधिकारियों की बीजेपी सरकार में बल्ले बल्ले है।
दरअसल उमरिया जिले के आबकारी विभाग में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर पदस्थ रिनी गुप्ता बीते 29 अगस्त को लोकायुक्त टीम रीवा ने 1.20 लाख की भारी भरकम रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद लगभग चार घंटे तक चली कार्यवाही में लोकायुक्त में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए मामले को विवेचना में लिया है वही रिनी गुप्ता को मुचलके में छोड़ दिया गया है।
आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद संभवत: शासन के द्वारा निलंबन की कार्यवाही की जानी थी लेकिन मध्य प्रदेश शासन वाणिज्य कर विभाग के उप सचिव के द्वारा जारी आदेश में आबकारी अधिकारी ऋणी गुप्ता को निलंबित करने की वजह है उसका स्थानांतरण करते हुए नवीन पदस्थापना उपायुक्त संभागीय उड़न दस्ता आबकारी विभाग सागर के लिए कर दिया गया।
मध्य प्रदेश शासन के वाणिज्यिक कर विभाग के इस आदेश से जहां आबकारी महक में हड़कंप मचा हुआ है। वही इस जारी पत्र पर सवाल खड़ किये जा रहे हैं। लोगों को मानना है कि इतनी बड़ी राशि की रिश्वत लेते हुए, लोकायुक्त ने आबकारी अधिकारी ऋणी गुप्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के बावजूद उसे सस्पेंड करने की बजाय उसकी पोस्टिंग की जा रही है। हालांकि यह पत्र किस परिस्थितियों में जारी हुआ या इसमें कोई लीपकीय या कंप्यूटर की त्रुटि है यह तो नहीं पता? इस आदेश के खिलाफ अब विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मुद्दा बनाया है कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोर अधिकारियों की बल्ले बल्ले है।
एक तरफ यह अधिकारी खुलेआम भ्रष्टाचार कर और रिश्वत लेकर पूरे मध्य प्रदेश में सरकार के इस रवैया से अधिकारियों के हौसले बुलंद है इसका जीता जाता उदाहरण उमरिया जिले के आबकारी विभाग में पदस्थ अधिकारी के रूप में देखा जा सकता है जिसमें चार दिन पहले लोकायुक्त ने 1.20 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था लेकिन सरकार उसे सस्पेंड करने की बजाय उसकी उड़न दस्ता में पोस्टिंग कर दी है।

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