Bhopal:महिला के गर्भवती होते ही नौकरी से निकाला,गर्भवती ने कलेक्टर की जनसुनवाई में लगाई गुहार

भोपाल (संवाद)। सरकार महिलाओं और उनके नौनिहालों के लिए भले ही कितनी योजनाएं बना ले या उनके उत्थान के लिए काम कर ले। लेकिन यहां एक ऐसी बानगी देखी गई है जिससे सरकार के सभी दावों की पोल खुल रही है। जहां मध्य प्रदेश की राजधानी में एक महिला को नौकरी से इसलिए निकाल दिया गया कि वह गर्भवती है। उसने मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन क्या दिया संस्थान ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब गर्भवती महिला कलेक्टर के जनसुनवाई में जाकर गुहार लगाई है।
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Bhopal:महिला के गर्भवती होते ही नौकरी से निकाला,गर्भवती ने कलेक्टर की जनसुनवाई में लगाई गुहारBhopal:महिला के गर्भवती होते ही नौकरी से निकाला,गर्भवती ने कलेक्टर की जनसुनवाई में लगाई गुहारBhopal:महिला के गर्भवती होते ही नौकरी से निकाला,गर्भवती ने कलेक्टर की जनसुनवाई में लगाई गुहारBhopal:महिला के गर्भवती होते ही नौकरी से निकाला,गर्भवती ने कलेक्टर की जनसुनवाई में लगाई गुहार
दरअसल यह पूरा मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल के वन स्टाप सेंटर की बताई जा रही है। जहां एक महिला “सखी” डेस्क में कार्यरत रही है इस दौरान वह गर्भवती हो गई और जब उसने विभाग से मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया तब संस्थान ने उसे अवकाश देने की बजाय बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिससे परेशान होकर गर्भवती महिला और उसका पति भोपाल के कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचकर मदद की गुहार लगाई है।
राजधानी भोपाल के रातीबड़ इलाके में रहने वाली रानी गढ़वाल पति सोनू सूर्यवंशी बीते मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में इस बाबत पहुंचे हुए थे कि महिला रानी गढ़वाल जेपी अस्पताल के वन स्टाफ सेंटर सखी टैक्स में कार्यरत रही है इस दौरान वह गर्भवती हो गई तब जाकर उसने इस विभाग को संचालित करने वाले गो को मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन दिया था। लेकिन एनजीओ के द्वारा गर्भवती महिला को मातृत्व अवकाश देने की बजाय उसे नौकरी से ही बाहर कर दिया।
कलेक्टर की जनसुनवाई में गुहार लगाने के बाद अतिरिक्त कलेक्टर के द्वारा इस पूरे मामले की जांच कार्यवाही करने की बात कही है। महिला ने बताया कि बीते 6 महीने पहले वह गर्भवती हुई थी, इस बात की जानकारी जैसे ही उसके साथ काम करने वाले स्टाफ को पता चली तब उनका उसके सर्च अच्छा व्यवहार नहीं रहा है,और बाद में कार्यरत एनजीओ ने मातृत्व अवकाश देने की बजाय नौकरी से ही निकाल दिया है।
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