
Bandhavgarh Tiger Attack :बमेरा गांव के एक घर मे घुसा खूंखार बाघ,वृद्ध पर किया हमला,3 दिनों में तीन अलग-अलग लोंगो को कर चुका घायल

Bandhagarh Tiger Rijarve (संवाद)। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व कोर जोन के पतौर परिक्षेत्र अंतर्गत बमेरा गांव में देर शाम एक खूंखार बाघ एक घर में घुस गया। जहां उसने एक वृद्ध के ऊपर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घर में मौजूद अन्य लोगों के हो हल्ला करने से किसी कदर बाघ वहां से भाग निकला जिससे वृद्ध की जान बच सकी है। घायल वृद्ध को आनन फानन में जिला चिकित्सालय उमरिया लाया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे हायर सेंटर जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया है।

घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र अंतर्गत बमेरा गांव में मंगलवार की देर शाम एक बाघ एक व्यक्ति के घर में घुस गया। जहां उसने पहले घर में बांधे मवेशी के ऊपर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान घर में मौजूद लोगों को बाघ के घर (सार) में घुसे होने की जानकारी लगी। तब उन लोगों के द्वारा बाघ को भगाने के लिए हल्ला मचाने लगे इस दौरान बाघ एक वृद्ध के ऊपर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस दौरान मौजूद अन्य लोगों के द्वारा काफी हो-हल्ला करने के बाद बाघ वहां से भाग निकला और किसी कदर वृद्ध की जान बच सकी है।
बताया गया कि बांधवगढ़ के पतौर परिक्षेत्र में लगातार तीन दिनों से बाघ अलग अलग जगहों पर तीन अलग-अलग लोगों पर हमला कर चुका है। बाघ के रूख में आए बदलाव के कारण गांव में दहशत फैल गई है। लोगों का मानना है कि अभी तक लोगों को जंगल में बाघ से खतरा रहता था, लेकिन अब बाघ गांव के घरों में घुसकर पालतू मवेशियों और लोगों पर हमला कर रहा है। वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के द्वारा लोगों की सुरक्षा के लिए ना तो कोई इंतजाम किए गए हैं, और ना ही हमलावर बाघ को वहां से हटाने या दूर जंगल की तरफ ले जाने के प्रयास किया जा रहा है।
खूंखार बाघ के द्वारा लगातार तीन दिनों से तीन अलग-अलग लोगों पर हमला करने के बावजूद भी बांधवगढ़ प्रबंधन की ओर से खूंखार हमलावर बाग की निगरानी भी नहीं की जा रही है। इसके पहले भी मानपुर परिक्षेत्र के मचखेता गांव के कई लोगों पर खूंखार बाघ हमला कर चुका है। जिसके बाद मचखेता और आसपास के ग्रामीणों के द्वारा उग्र और वृहद रूप से विरोध प्रदर्शन करने के बाद बांधवगढ़ प्रबंधन के द्वारा बाघ की निगरानी के लिए हाथी और टीम को लगाया गया था। काफी दिनों बाद बाघ को उस क्षेत्र से हटाकर अन्यत्र ले जाया गया था।
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