उमरिया (संवाद)। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जहां बीते दिनों 10 जंगली हाथियों के मौत से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ था। वहीं बांधवगढ़ के डायरेक्टर आईएफएस गौरव चौधरी के द्वारा इस दौरान अपना मोबाइल फोन बंद कर लेने के कारण उन पर सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। हाथियों की मौत मामले में लापरवाही बरतने और अपने गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के 2 बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया गया है।
Bandhavgarh: देखिए कैसे एक IFS अफसर को मोबाइल बंद करना पड़ गया महंगा,10 जंगली हाथियों की मौत मामले में 2 अफसरों पर गिरी गाज
मध्य प्रदेश शासन वन विभाग के द्वारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर आईएफएस गौरव चौधरी को सस्पेंड करने की वजह हाथियों की मौत मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से उन्हें जानकारी देने के बाद भी वह अवकाश से वापस नहीं लौटे और उन्होंने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया। जिसके चलते उन्होंने सिविल सेवा आचरण संहिता के नियम के विरुद्ध कार्य किया है। वही एसडीओ फतेह सिंह निनामा को मामले में लापरवाही बरतने और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के जिम्मे मामले को सौंपने के चलते उन्हें सस्पेंड किया गया है।
Bandhavgarh: देखिए कैसे एक IFS अफसर को मोबाइल बंद करना पड़ गया महंगा,10 जंगली हाथियों की मौत मामले में 2 अफसरों पर गिरी गाज
दरअसल 28-29 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की खितौली-पनपथा परिक्षेत्र से लगे सलखनिया बीट के पास 10 जंगली हाथियों की मौत हो गई थी। सबसे पहले 4 जंगली हाथियों की मौत हुई, उसके दूसरे दिन 3 और फिर एक-एक करके यह आंकड़ा 10 तक पहुंच गया। इतनी बड़ी तादाद में हाथियों की मौत से जहां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन में हड़कंप मचा रहा वहीं इस खबर ने पूरे देश में तहलका मचा दिया।
Bandhavgarh: देखिए कैसे एक IFS अफसर को मोबाइल बंद करना पड़ गया महंगा,10 जंगली हाथियों की मौत मामले में 2 अफसरों पर गिरी गाज
मामले को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा मामले की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया वहीं अन्य जांच एजेंसियां भी इस बड़े मामले के जांच के लिए बांधवगढ़ पहुंच गई। प्रथम दृष्टया मामले में जंगली हाथियों की मौत की वजह कोदो फसल खाने से हो जाने की बात सामने आई थी। लेकिन यह जानकारी जैसे ही पूरे देश में फैली मध्यप्रदेश सरकार बैकफुट में आ गई। मध्य प्रदेश सरकार ने आनन फानन में वन राज्यमंत्री को मामले की जांच और निरीक्षण करने बांधवगढ़ रवाना कर दिया।
Bandhavgarh: देखिए कैसे एक IFS अफसर को मोबाइल बंद करना पड़ गया महंगा,10 जंगली हाथियों की मौत मामले में 2 अफसरों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर बांधवगढ़ पहुंचे वन राज्य मंत्री दिलीप सिंह अहिरवार के द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर लगभग 2 से 3 घंटे का समय बिताया और मामले की पड़ताल की इसके बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रबंधन के अधिकारियों और वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है। इसके बाद हाथियों की मौत की वजह जिसमें कोदो फसल खान की बात सामने आई थी, उसे साफ तौर पर नकार दिया गया।
Bandhavgarh: देखिए कैसे एक IFS अफसर को मोबाइल बंद करना पड़ गया महंगा,10 जंगली हाथियों की मौत मामले में 2 अफसरों पर गिरी गाज
लेकिन वन मंत्री के द्वारा 10 जंगली हाथियों की मौत की वजह भी नहीं बताई गई। अब उनके द्वारा मामले में कहा गया कि जंगली हाथियों की मौत की वजह पीएम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। 2 दिन के निरीक्षण के बाद वन मंत्री राजधानी भोपाल लौटकर सीधे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को रिपोर्ट किया है। इसी के तुरंत बाद मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा बड़ा एक्शन लेते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के 2 बड़े अफसर पर निलंबन के आदेश जारी किए गए।
Bandhavgarh: देखिए कैसे एक IFS अफसर को मोबाइल बंद करना पड़ गया महंगा,10 जंगली हाथियों की मौत मामले में 2 अफसरों पर गिरी गाज
चूंकि केंद्र सरकार के द्वारा सुपर फूड के तौर पर कोदो फसल को शामिल किया गया है। जबकि 10 हाथियों की मौत मामले में प्रथम दृश्यटया कोदो खाने से हाथियों की मौत होने की जानकारी आई थी। इसी के चलते मध्य प्रदेश सरकार बैक फुट में आई और अपने ही सरकार के वन मंत्री दिलीप सिंह अहिरवार को मौका स्थल पर भेज कर अपने हिसाब से रिपोर्ट तैयार करने निर्देश दिए गए हालांकि 10 जंगली हाथियों की मौत की असली वजह सामने नहीं आई है अधिकारियों और वन मंत्री का कहना है कि पीएम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही तस्वीर साफ हो सकेगी।