Bandhavgarh:फिर एक बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत,क्षत-विक्षत हालत में मिला बाघ का शव, इधर एक बाघ ने गस्ती दल पर किया हमला,दो कर्मचारी घायल

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Umaria (संवाद)। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने और छत-विछत हालत में बाघ का शव मिलने से एक बार फिर बांधवगढ़ प्रबंधन कटघरे में खड़ा है। सड़ी-गली हालत में बाघ का शव मिलने से एक बात तो साफ है कि बाघ की मौत तीन से चार दिन पहले हुई होगी, लेकिन इस बात की खबर प्रबंधन को नहीं थी। इधर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा परिक्षेत्र के हरदी बीट में जंगल की गस्ती में लगे कर्मचारियों पर बाघ ने हमला कर घायल कर दिया है।

Bandhavgarh:फिर एक बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत,क्षत-विक्षत हालत में मिला बाघ का शव, इधर एक बाघ ने गस्ती दल पर किया हमला,दो कर्मचारी घायल

दरअसल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते दो-तीन माह में जिस कदर बाघों की मौत का सिलसिला जारी है उससे बाघ और वन्य प्राणी प्रेमियों के लिए बेहद चिंता जनक बात है। लेकिन किसी भी घटना से बांधवगढ़ प्रबंधन घटना से सबक लेने की बजाय मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश में रहता है। लगभग डेढ़ दर्जन हुई बाघों की मौत के मामले में प्रबंधन का ज्यादातर रटा रटाया जवाब है जिसमें उनके द्वारा बाघों की आपसी संघर्ष की कहानी बता दी जाती है।

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जबकि बिल्कुल आईने की तरह साफ है कि हर मामले में बाघों की मौत आपसी संघर्ष नहीं हो सकती, हां यह जरूर है कुछ मामलों में ऐसा होता भी है। लेकिन सभी मामलों में आपसी संघर्ष की कहानी सच साबित नहीं होती। लेकिन बांधवगढ़ प्रबंधन को इससे कोई लेना देना नहीं है। वह तो हमेशा चाहता है कि बाघों की मौत की असली वजह सामने ही नहीं आए और शायद यही वजह है कि उनके द्वारा दो बाघों के आपसी संघर्ष की कहानी गढ़ कर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर ली जाती है।

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ताजा मामला बांधवगढ टाइगर रिज़र्व अंतर्गत पतौर रेंज के पिटोर बीट से सामने आया है। जहां एक बाघ का शव सड़ी गली हालत में गश्ती दल को मिला है। निश्चित रूप से बाघ का शव देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चार से 5 दिन पहले बाघ की मौत हुई होगी। लेकिन इतने दिन होने के बाद भी प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि बाघ की मौत होने से पहले वह 3-4 दिनों से बाघ बीमार या घायल रहा होगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह पूरा घटनकरण सप्ताह भर से ज्यादा का लगता है। लेकिन इतने दिनों बीतने के बाद भी बाघ की मॉनिटरिंग या उसकी खबर प्रबंधन को नहीं हुई। इससे साफ जाहिर होता है कि बांधवगढ़ का प्रबंधन बाघों की निगरानी या उनके देखरेख में कितना चुस्त और दुरुस्त है।

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इधर एक दूसरे मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा परिक्षेत्र के हरदी बीट के कम्पार्टमेंट नंबर RF455 मुड़धवा क्षेत्र में गस्ती कर रही वन टीम के ऊपर अचानक बाघ ने हमला कर दिया।जिसमे गस्ती दल में शामिल कर्मचारी रामखेलावन केवट,चूड़ामणि केवट घायल बताए जा रहे हैं। जिनकी रही देख में वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है। दोनों घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

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