MP (संवाद)। सहायक उप निरीक्षक (ASI) की आत्महत्या का मामला विधानसभा में उठने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने 2 थाना प्रभारी सहित 4 लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है। ASI के आत्महत्या के बाद से पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने में टालमटोल कर रही थी। लेकिन विधानसभा में सवाल उठने के बाद लगभग 10 दिनों के बाद पुलिस की वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की गई है।
पूरा मामला मध्य प्रदेश के दतिया जिले का है। जहां भांडेर ब्लॉक के गोंदन थाना में पदस्थ एएसआई प्रमोद पावन ने बीते 22 जुलाई को अपने निवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक सहायक उप निरीक्षक ने मरने से पहले एक वीडियो जारी कर एक रेत माफिया की दबंगई और थाने में पदस्थ थाना प्रभारी के द्वारा संरक्षण दिए जाने की बात कही गई थी।
सहायक उप निरीक्षक प्रमोद पावन ने अपनी मौत का जिम्मेदार भी इन्हीं सब को बताया था। लेकिन घटना के बाद जिम्मेदार पुलिस अधिकारी और रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई किए जाने में टाल मटोल किया जा रहा था। इसके बाद विधायक फूल सिंह बरैया ने विधानसभा में सवाल खड़े किए तब जाकर पुलिस के बड़े अधिकारियों के कान खड़े हुए है।
इसके बाद लगभग 10 दिनों के बाद दोषी पुलिस अधिकारियों और रेट माफिया के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है दोषी अधिकारियों में गोंदन थाना में तत्कालीन थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर अरविंद भदोरिया, तत्कालीन थाना प्रभारी थरेट, सब इंस्पेक्टर अनफाहुल हसन, चालक रूपनारायण यादव और रेत माफिया अरविंद उर्फ बबलू यादव के खिलाफ ASI प्रमोद पावन को आत्महत्या करने के लिए उकसाने और मजबूर करने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
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