विधायक मीना सिंह के क्षेत्र में एक और करोड़ों का घोटाला आया सामने,मंत्री रहने के दौरान इन्हीं के विभाग में हुआ करोड़ो का घोटाला

उमरिया (संवाद)। उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा की विधायक और पूर्व मंत्री के क्षेत्र में अब घोटाले और भ्रष्टाचार की बात कोई नई नहीं है। उनके जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री रहते हुए उन्हीं के विभाग में लगातार हुए लाखों करोड़ों के घोटाले अब उजागर हो रहे हैं। ताजा मामला पाली क्षेत्र से सामने आया है जहां जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत करोड़ों की राशि का गबन करने का मामला सामने आया है।
जिले के आदिवासी ब्लॉक पाली में जनजातिया कार्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे,अफसरों ने फर्जी तरीके से अतिथि शिक्षकों एवं मजदूरों के नाम पर दो करोड़ साठ लाख रुपए वेतन का आहरण अपने रिश्तेदारों के खातों में करा दिया। मामले का खुलासा आयुक्त कोष एवं लेखा की निगरानी में हुआ। राजधानी भोपाल में बैठे अफसरों ने पाली ब्लॉक में 24 ऐसे संदिग्ध खातों को पकड़ा है और उनकी सूची भी भेजी है।
यह पूरा घोटाला पाली ब्लॉक में पदस्थ माध्यमिक स्कूल के शिक्षक रामबिहारी पाण्डेय,लिपिक अशोक कुमार धनखड़ और कंप्यूटर ऑपरेटर बालेंद्र द्विवेदी किया गया है। हालांकि जांच में विभाग के अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आयेंगे। कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने पाली तहसील के एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह को मामले की जांच सौंपी है जिसके बाद एसडीएम और सहायक कोषालय अधिकारी की टीम शनिवार को पाली स्थित जनजातीय कार्य विभाग के ब्लाक षिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह के दफ्तर पहुंची है और दस्तावेजो का परीक्षण कर मामले की जांच की जा रही है।
जन जातीय कार्य विभाग के पाली ब्लाक में हुई गडबडी का खुलासा आयुक्त कोष एवं लेखा की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस कमेटी ने किया है। कमेटी को 24 खातो मे संदेह हुआ और उसके बाद पता चला कि ये सभी 24 खाते जिम्मेदार अफसरों के परिवार के है। इस पूरे मामले में विभाग के बीईओ राणा प्रताप सिंह से लेकर अन्य अधिकारियो के संलिप्त होने की पूरी आशंका है और जांच के बाद इसमे गड़बड़ी की राशि और अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि इस पूरे घोटाले का खेल साल 2018 से लेकर 2023 के बीच खेला गया है। जबकि इस दौरान इस विभाग की मंत्री सुश्री मीना सिंह रही है। इन्हीं के कार्यकाल के दौरान इन्ही के विभाग और विधानसभा क्षेत्र पाली में करोड़ों रुपए की राशि का गबन किया गया है। इसके पहले भी मीना सिंह के मंत्री रहने के दौरान उमरिया में कई घोटाले सामने आए हैं। इनके मंत्री रहने के दौरान बस्ती विकास योजना से क्षेत्र में विद्युतीकरण के नाम भी करोड़ों की राशि कमीशन की भेंट चढ़ने की जन चर्चा पूरे जिले में उस दौरान फैली हुई थी।
विधायक मीना सिंह के मंत्री रहने के कार्यकाल के दौरान हुई करोड़ों के घोटाले की जांच प्रारंभ हो चुकी है। लेकिन क्या मामले में विधायक मीना सिंह भी दोषी साबित होगी या नहीं यह तो जांच उपरांत थी पता चल सकेगा। लेकिन विभाग की मंत्री होने के दौरान हुए इस घोटाले की नैतिक जिम्मेदारी मीना सिंह की जरूर बनती है। एक बात यह जरूर कहीं जा सकती है कि एक तो विभाग की मंत्री और दूसरा उनके विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत इतना बड़ा भ्रष्टाचार होना मामले में उनकी संलिप्प्ता और सहमति के बिना संभव ही नहीं है.?
बहरहाल मामले की जांच करने पहुंची टीम ने पहले तो खंड शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह से पूछताछ की और उसके बाद 2018 से लेकर 2023 के मध्य हुए वित्तीय लेन देन से संबंधित रजिस्टर एवं अन्य दस्तावेजों को जप्त कर लिया है। प्राथमिक रूप से 2.60 करोड रूपये के वित्तीय अनियमिता की पुष्टि हुई है,संपूर्ण जांच उपरांत जिम्मेदार अफसरों एवं खाताधारकों के विरूध्द एफआईआर कराई जाएगी । आयुक्त कोष एवं लेखा से प्राप्त वित्तीय अनियमितता की षिकायत की जांच करने ब्लाक कार्यालय पहुंचे है । दस्तावेजो का परीक्षण किया जा रहा है,जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी।
Leave a comment