After Exit Poll: अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.? फिर भी कांग्रेस को किस बात का सताने लगा है डर.? यहां जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी

Editor in cheif
6 Min Read
MP (संवाद)। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर तमाम टीवी चैनलों और सर्वे एजेंसियों के द्वारा बताए जा रहे एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में एक बार पुनः बहुमत से सरकार बनाने बताया जा रहा है। वहीं कुछ चैनलों में कांग्रेस की सरकार तो कुछ में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। इन सब के बीच एक प्रमुख खबर के रूप में सामने आ रही है वह यह की कांग्रेस पार्टी को बीजेपी से डर सताने लगा है। जबकि एग्जिट पोल नतीजों का सिर्फ अनुमान है। यह तो सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है।

अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.? फिर भी कांग्रेस को किस बात का सताने लगा है डर.?

दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 114 सीटें मिली थी जबकि भाजपा को 109 सीटें प्राप्त हुई थी कांग्रेस पार्टी के द्वारा दो अन्य सीटें मिलकर कमलनाथ की सरकार बनाई गई थी। लेकिन महज डेढ़ साल के भीतर कांग्रेस पार्टी के भीतर हुए बगावत के चलते कई कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा को समर्थन दे दिया था। इसके बाद मध्यप्रदेश में पुनः शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी थी। इस दौरान कांग्रेस नेताओं के द्वारा भाजपा के ऊपर कांग्रेसी विधायकों की खरीद फरोक्त का भी आरोप लगाया था।

अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.? फिर भी कांग्रेस को किस बात का सताने लगा है डर.?

इस बार के 2023 विधानसभा चुनाव में भी लगभग स्थिति कुछ 2018 के जैसे ही निर्मित हो रही है। कुछ टीवी चैनलों के सर्वे को छोड़ दे तो कुछ में भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर बताई जा रही है। मतलब साफ है इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की पूरी संभावना है,और सीटें में भी दोनों दलों की करीब करीब आसपास ही रहेगी। और अगर इस तरीके की स्थिति बनी तो दोनों दल सरकार बनाने के चक्कर में भरपूर प्रयास करेंगे।

अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.? फिर भी कांग्रेस को किस बात का सताने लगा है डर.?

लेकिन इस पूरे मामले और विधायकों को अपने दल में शामिल करने के मामले में बीजेपी कांग्रेस से कहीं आगे है। और शायद यही वजह है कि अबकी विधानसभा 2023 में मामला दोनों के बीच करीब का हुआ तो बीजेपी सरकार बनाने में एक कदम आगे दिखाई देगी। जानकारी के मुताबिक बीजेपी के द्वारा चुनाव के पहले या चुनाव के दौरान के समय से ही कुछ कांग्रेस के प्रत्यासियो से बातचीत जारी रही है। इसके पहले भी देखे तो 2018 के चुनाव में भाजपा ने किस कदर कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में लिया था। हालांकि इसमें कांग्रेस की भी कुछ चूक रही है, या यह कहा जाए कि वह अपने विधायकों को एकजुट या अपने विश्वास में नहीं ले पाई। जिसके बाद जो स्थिति बनी उसमें कांग्रेस के कई विधायकों ने बीजेपी का दमन थाम लिया और प्रदेश में शिवराज की सरकार बन गई।

अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.? फिर भी कांग्रेस को किस बात का सताने लगा है डर.?

इस बार भी कांग्रेस पार्टी को इसी बात का डर सताने लगा है। 2018 में हुए है ऑपरेशन लोटस के तहत जिस कदर भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में लिया था। उसी तरह इस बार भी कहीं ऑपरेशन लोटस 2nd के तहत भाजपा कोई खेल ना कर दे। हालांकि चुनाव नतीजे के पहले से ही इस बार कांग्रेस और उसके नेताओं के द्वारा पूरी सतर्कता बरती जा रही है। मध्य प्रदेश के 230 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे प्रत्याशियों को जहां भोपाल बुलाकर समझाया बुझाया गया है। वहीं कांग्रेस पार्टी के द्वारा इन पूरे सभी उम्मीदवारों पर नजर रखी जा रही है।

अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.? फिर भी कांग्रेस को किस बात का सताने लगा है डर.?

बहरहाल देखना होगा 3 दिसंबर को जब मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों की मतगणना उपरांत नतीजे आएंगे। लेकिन तमाम टीवी चैनल और सर्वे एजेंसियों के द्वारा बताए जा रहे एग्जिट पोल में किस टीवी चैनल यह सर्वे एजेंसी के एग्जिट पोल पर मोहर लगती है यह देखना बाकी है। लेकिन अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है।

अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.? फिर भी कांग्रेस को किस बात का सताने लगा है डर.?

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *