शहडोल (संवाद)। जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत बंद पड़ी कोयले की खदान अब कब्रगाह बन चुकी है।जिसमें कल और आज मिलाकर 2 दिन में 7 शव निकाले जा चुके है। जिला प्रशासन, पुलिस और कोल माइंस प्रबंधन की संयुक्त टीम के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। प्रथम दृष्टया कोल माइंस की लापरवाही सामने आने के बाद कोल माइंस प्रबंधन के ऊपर एफ आई आर दर्ज की गई है।
जानकारी के मुताबिक धनपुरी थाना अंतर्गत बंद पड़ी कोयले की खदान यूजी माइंस से चोरी करने के उद्देश्य कबाड़ के धंधे में संलिप्त लोगों के द्वारा अवैध और गैर कानूनी ढंग से बंद खदानों से लोहा और मशीनों के कलपुर्जे निकालने के लिए गरीब मजदूरों की जान से खेल रहे हैं। बीते दिन 26 जनवरी की देर रात मजदूरों के द्वारा कबाड़ निकालते समय हादसा हो गया जिसमें खदान में दबकर 4 लोगों की मौत हो गई मौत की खबर जैसे ही फैली पूरे जिले में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जिले के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस सहित कोल माइंस प्रबंधन मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू शुरू किया।
रेस्क्यू टीम के द्वारा खदान से 4 लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया । मृत हुए लोगों में राज महतो, हजारी कोल, राहुल कोल और कपिल विश्वकर्मा शामिल थे। घटना के बाद जिला प्रशासन ने एक एसआईटी टीम का गठन किया। जिसमें क्षेत्र के कबाड़ ठीहो पर कार्यवाही की गई। कई जगह छापामार कार्यवाही के बाद कई नामों का खुलासा हुआ जिस पर पुलिस ने मामला भी दर्ज किया और ठिकानों से भारी मात्रा में अवैध कबाड़ भी जप्त किया है।
हालांकि मौत का कारवां यहीं नहीं रुका, रेस्क्यू टीम को लोगों के द्वारा पता चला कि इस खदान में और भी लोगों के दबे होने की आशंका है। वही थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के चलते लोगों का शक इसी ओर गया। जिसके बाद रेस्क्यू टीम के द्वारा आज सुबह से फिर यूजी माइंस में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। जिसमें रेस्क्यू टीम की 5 घंटे की मशक्कत के बाद 3 और शवो को खदान से बाहर निकाला गया है। जिसमें मनोज पादरी, रोहित और राजेश मिश्रा के शव शामिल है। रेस्क्यू टीम का ऑपरेशन लगातार जारी है, अभी तक 2 दिनों में 7 शव बरामद कर लिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि इस बंद खदान में और भी शव मिल सकते हैं।
मामले में पुलिस ने बताया कि कोल माइंस के द्वारा कोयला उत्खनन करने के बाद बंद खदानों को बिना किसी पुख्ता और नियम के अनुसार उसे भरने या उसकी निगरानी के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते। जबकि नियम के अनुसार बंद खदानों को रेत भरकर उसे बंद किया जाता है, कोल माइंस के द्वारा सिर्फ खदानों को मुहाने की तरफ कंक्रीट से दीवाल बना दी जाती है। जबकि खदानों को बंद करने के बाद जिस तरीके से रेत भरकर बंद किया जाना चाहिए और उनके द्वारा निगरानी की जानी चाहिए उसमें प्रथम दृष्टया कोल माइंस प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। जिसके चलते कोल माइंस प्रबंधन के ऊपर भी इस संबंध में एफ आई आर दर्ज की गई है।