एमपी (संवाद)। मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की लगातार कार्यवाही से जहां अधिकारी कर्मचारी सकते में हैं वही आज फिर एक जेल अधीक्षक को जेल में बंद कैदियों को परेशान और प्रताड़ित नहीं करने के बदले कैदियों के रिश्तेदार से पैसे लेते लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है इसके पहले जबलपुर कमिश्नर के एक बाबू के द्वारा रिश्वत की भारी-भरकम राशि लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप किया है।
दरअसल मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी चरम पर है जिसके चलते सरकार ने भी लोकायुक्त को फ्री हैंड कर रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारियों पर नकेल कसने का काम लोक आयुक्त को सौंपा है और शायद यही वजह है कि बीते 6 महीने से लगातार सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जा रहे हैं।ताजा मामला मध्यप्रदेश के भोपाल से जहां भोपाल जेल में पदस्थ सहायक जेलर के द्वारा जेल में बंद कैदियों से को प्रताड़ित, परेशान नहीं करने और मुलाकात के लिए उनके घर वालों और रिश्तेदारों से 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी। जिसके बाद रिश्तेदारों (शिकायतकर्ता) अर्जुन निवासी नसरुल्लागंज सीहोर ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से कर दी।
लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की जांच पड़ताल कर शिकायत सही पाए जाने के बाद पूरी रणनीति के तहत भोपाल जेल में पदस्थ सहायक जेल अधीक्षक को रंगे हाथ गिरफ्तार करने का प्लान बना लिया और जैसे ही सुधारों के द्वारा रिश्वत की राशि सहायक जेलर को दी गई उसके तुरंत बाद लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्यवाही कर दी जिसमें जेल के सहायक जेलर को उसके आवास पर रिश्वत की राशि सहित रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
इधर जबलपुर के अपर आयुक्त कार्यालय के रीडर चंद्रकुमार दीक्षित को लोकायुक्त की टीम ने 65 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।जमीन प्रकरण मामले को पक्ष में फैसला कराने के एवज में रिश्वत मांगी गई थी। सिवनी जिले के गांव पाली निवासी टीकाराम चंद्रवंशी की शिकायत पर लोकायुक्त ने कार्रवाई की है।
पीड़ित ने 7 हेक्टेयर जमीन बंदोबस्त रिकॉर्ड में हुई गलती के सुधार के लिए आवेदन दिया था। शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने इसकी जांच की और सत्यापन के बाद आज गुरुवार 12 जनवरी को क्लर्क चंद्र कुमार दीक्षित को उस समय रंगे हाथ पकड़ लिया जब वो 65 हजार रुपये की रिश्वत राशि अपने कार्यालय टेबल की दराज में रखवा रहा था।