सीएम शिवराज की अधिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही, औचक निरीक्षण में पहुंचे सीएम ने जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और उपयंत्री को किया निलंबित
डिंडौरी (संवाद)। मध्य प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लगातार लापरवाह अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही से पूरे प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जहां उनके द्वारा प्रदेश के कई जगहों पर अचानक पहुंच कर वस्तुस्थिति का जायजा ले रहे हैं वहीं लोगों के द्वारा की जा रही शिकायतों के अनुसार वह अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही भी कर रहे हैं। सीएम शिवराज के इस एक्शन मोड़ के रुख को देखते हुए पूरे प्रदेश में तहलका मचा हुआ है।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के असली हालात और वहां की वस्तु स्थिति जानने के लिए वह अचानक किसी भी जिले पहुंच रहे हैं और और वह सीधे किसी गांव या छोटे कस्बे में पहुंचकर सरकारी योजनाओं के लाभ की जानकारी ले रहे हैं। वहीं लोगों से भी योजनाओं के क्रियान्वयन और उन तक लाभ पहुंच रहा है या नही इसका भी पता लगा रहे है। इसी संबंध में सीएम शिवराज आज अचानक डिंडोरी पहुंच गए जहां उन्होंने शाहपुरा तहसील अंतर्गत लोगों से मुलाकात की और योजनाओं के बारे में जानकारी ली है जिसमें बिलगाव बांध और उसके रिसाव से किसानों की फसलें खराब हो गई लेकिन विभाग अनजान बना रहा। किसानों की शिकायत और विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सीएम ने बिना देर किए आन स्पॉट निलंबन करने का निर्णय लिया है और वहीं जनता के बीच से ही सीएम ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और उपयंत्री को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
सीएम के इस बदले रूप से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। प्रदेशभर के अधिकारी कर्मचारियों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि अचानक सीएम कब कहां पहुंच जाएं और सीधे निर्माण कार्यों सहित हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी आम जनता से लेने लगे। निश्चित तौर पर सरकारे कितनी भी योजनाएं आम जनता के लिए चला लें कितने ही हितग्राही मूलक योजनाओं से उनका उत्थान करने की कोशिश करें। लेकिन धरातल में अधिकारियों के द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन और आम जनता तक पहुंचने वाला लाभ हमेशा से लापरवाही की भेंट चढ़ जाता है और यही कारण है कि सीएम शिवराज ने प्रदेश के तमाम जिलों में औचक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। इसके 1 दिन पहले सीएम शिवराज ने बैतूल जिले पहुंचे हुए थे जहां उन्होंने आम जनता की शिकायतों पर चार बड़े अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया था।