उमरिया (संवाद)। साइबर अपराधियों द्वारा पेंशनधारियों को जीवन प्रमाण-पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने के संबंध में की जाने वाली फर्जी कॉल से बचाव की सलाह दी है। पेंशनधारक का पूरा डाटा, नियुक्ति दिनांक, पीपीओ नम्बर, आधार नम्बर, सेवानिवृत्ति तिथि जैसी सभी जानकारी उपलब्ध होने के कारण पेंशनधारकों को ऑनलाइन अपडेशन के संबंध में भरोसा दिया जाता है।
पेंशनर द्वारा गलती से ओटीपी साझा करने पर अपराधी को बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कन्ट्रोल मिल जाता है और पेंशनर के खाते की राशि फर्जी खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है। इस संबंध में सभी पेंशनरों को जागरुक रह कर हमेशा सावधानी बरतने की जरुरत है। पेंशन निदेशालय द्वारा कभी भी किसी पेंशनर का जीवन प्रमाण-पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं किया जाता है और न ही ऑनलाइन जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट किया जाता है।