शहडोल (संवाद)। जिले के माननीय न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बुढार जिला शहडोल श्रीमान प्रकाश कसेर के द्वारा जघन्यन सनसनीखेज प्रकरण थाना बुढार के अपराध क्रं0 458/18 प्रकरण क्रं0 45/18 , में आरोपी अजय ऊर्फ कल्लू बैगा निवासी गोपालपुर थाना बुढार जिला शहडोल म0प्र0 को निर्णय पारित करते हुए धारा 3/4 पाक्सो एक्ट में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं पचास हजार रूपये एवं धारा 450 भादवि में 10 वर्ष का कारावास एवं पचास हजार रूपये अर्थदण्ड रूपये अर्थदण्डं से दंडित किया गया। अर्थदण्ड की अदायगी की दशा में 80 प्रतिशत राशि आहत को प्रदाय किए जाने का आदेश माननीय न्यापयालय द्वारा दिया गया। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में श्री राजकुमार रावत अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी बुढार जिला शहडोल द्वारा पैरवी की गई ।
घटना का संक्षिप्त विवरण
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) श्री नवीन कुमार वर्मा के मुताबिक फरियादिया ने थाना बुढार में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह ग्राम गोपालपुर में रहती है और कक्षा 8वीं में पढती है। उसकी मां करीब दो माह पहले अपने मायके चली गई थी। दिनांक 22 जुलाई 2018 को दोपहर करीब 2 बजे उसकी दादी अगसिया बाई मजदूरी करने चली गई थी तब वह अपने घर पर अकेली थी सुर अंदर खाना खा रही थी तभी बाडी तरफ से पगरा (बाउन्ड्री) कूदकर आरोपी अजय बैगा घर के अंदर घुस आया और उसके मुंह को अपने हाथ से दबाकर उसे उठा कर सामने जहां गाय बंधती है वहां ले गया और उसे जमीन में पटक कर जबरदस्ती बलात्कार किया। पीड़िता के द्वारा जोर से चिल्लाने पर आरोपी उसे वहीं छोडकर भाग गया तब वह रोते हुए बाडी में जहां उसकी दादी काम कर रही थी वहां गई और दादी को घटना की सारी बात बातई है।
प्रार्थिया के रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा 450, 376(2)(आई), 376, भादवि 3/4 पाक्सोर एक्टह तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया, अनुसंधान की अन्यन औपचारिकताएं पूर्ण कर अभियुक्त7 के विरूद्ध अभियोग पत्र, संज्ञान व विचारण हेतु न्याधयालय के समक्ष पेश किया गया। पीडिता एवं उसके माता-पिता के द्वारा बचाव पक्ष के प्रतिपरीक्षण में घटना से इंकार करते हुए अभियोजन का समर्थन नहीं किया । मेडीकल परीक्षण में आरोपी तथा पीडिता के पास प्राप्ते अवयव से डीएनए परीक्षण कराया गया। डीएनए परीक्षण रिपोर्ट आरोपी के विरूदध प्राप्तत हुई।
पीडिता एवं माता पिता के घटना के मुकरने के पश्चात भी न्याषयालय ने डीएनए परीक्षण रिपोर्ट को मुख्यई आधार मानते हुए पीडिता के साथ कारित घटना को प्रमाणित माना। अभियोजन अधिकारी श्री राजकुमार रावत द्वारा दोषसिद्धि के संबध में माननीय न्याघयालय के समक्ष लिखित अंतिम तर्क प्रस्तुत किए गए, जिस पर विचार करते हुए माननीय न्यायालय ने अभियोजन तर्क का समर्थन तथा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विचारण उपरांत को वर्धित दण्डी से दंडित किया गया।