Bhopal (संवाद)। अर्चना तिवारी मिसिंग मामले में जीआरपी पुलिस के पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जिसमें उन्होंने बताया कि इस दौरान अर्चना तिवारी ने खुद को लापता करने की साजिश अपने प्रेमी के साथ मिलकर रची और अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना नाम भी अर्चना की जगह सपना कर लिया। हालांकि पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रचना का घर का नाम सपना है। इसी सपना नाम से अर्चना नेपाल तक पहुंच गई।
अर्चना तिवारी और सारांश के बीच प्रेम प्रसंग की बात को पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने टाल गए, उनका कहना है यह बात आप स्वयं अर्चना तिवारी से पूछ सकते हैं हालांकि दोनों वयस्क हैं इसलिए वह कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। परिजनों के द्वारा अर्चना की शादी लगाए जाने और अर्चना पटवारी से शादी नहीं करने के पीछे की वजह सारांश से प्रेम प्रसंग ही माना जा रहा है।
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हालांकि सारांश और अर्चना के बीच संबंधों की बात किसी से छिपी नहीं है। यह बात सभी बखूबी समझते हैं और यही वजह है कि परिजनों के द्वारा लगाई गई शादी से वह इंकार करती रही और अपने घर कटनी नहीं आना चाहती थी। इसी दौरान उसने पूरी प्लानिंग के साथ स्वयं को लापता करने के लिए साजिश रची और उसने अपना नाम भी अर्चना तिवारी की जगह सपना कर लिया।
सपना नाम की लड़की का जिक्र सारांश के पिता भी कर चुके हैं जो सुजालपुर में रहते हैं। सारांश के पिता ने बताया कि वह अर्चना नाम की लड़की को तो नहीं जानते लेकिन सपना को जरुर जानते हैं। पिता ने बताया कि कई बार लड़के सारांश के द्वारा इस नाम का जिक्र किया जा चुका है उन्होंने यह बात भी कबूली की दोनों के बीच में दोस्ती रही है.?
बीते 12 दिनों तक अर्चना तिवारी ने जिस कदर पूरे मध्य प्रदेश में पुलिस और जीआरपी पुलिस को हलकान कर दिया जिसमें अर्चना तिवारी का पता लगाने के लिए सरकार के लाखों करोड़ों लग गए। जीआरपी कटनी से लेकर भोपाल इंदौर तक रेलवे ट्रैक खंगालती रही इटारसी और भोपाल के बीच जंगल में टीम उतारी हुई थी वही नर्मदापुरम में नर्मदा नदी मैं एसडीआरएफ की कई टीम लगी रही।
लेकिन 12 दिनों बाद वह ऐसा कुशल नेपाल के बॉर्डर से बरामद की गई है। इसके पीछे जो वजह सामने आई है वह आप सभी जानते हैं खुद को लापता करने के लिए अर्चना ने अपने प्रेमी सारांश के साथ मिलकर एक खतरनाक शादी से रची जिसने 12 दिनों तक मध्य प्रदेश पुलिस और जीआरपी के नाक में दम कर दिया। लेकिन इतना बड़ा कांड करने के बाद भी कार्यवाही के नाम से जीआरपी का कहना है कि कोई कार्यवाही नहीं बनती.?