MP (संवाद)। 12 दिनों से लापता अर्चना तिवारी को जीआरपी पुलिस ने नेपाल बॉर्डर में स्थित लखीमपुर से बरामद कर लिया है इसी के साथ अब पूरे मामले का खुलासा भी जीआरपी पुलिस ने कर दिया है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जीआरपी पुलिस ने बताया कि अर्चना तिवारी खुद को लापता करने में अपने दोस्तों के साथ मिलकर साजिश रच डाली। परिवार वालों के द्वारा शादी करने का के दबाव से परेशान होकर अर्चना ने यह साजिश रची है। जीआरपी पुलिस ने अर्चना तिवारी के अलावा उसके दो अन्य दोस्तों को भी गिरफ्तार किया है।
अर्चना तिवारी कटनी शहर की मंगल नगर की रहने वाली है जो इंदौर में रहकर सिविल जज परीक्षा की तैयारी कर रही थी। स्पीच अर्चना तिवारी के परिवार वालों ने अर्चना की शादी का रिश्ता एक राजस्व अधिकारी से तय कर दिया और अर्चना को वापस घर आने के लिए कहने लगे लेकिन अर्चना तिवारी शादी नहीं करना चाहती थी और वह इंदौर छोड़कर वापस नहीं आना चाहती थी।
अर्चना तिवारी के इंदौर में रहने के दौरान सारांश नामक युवक से उसकी दोस्ती हो गई इस दौरान वह सारांश से मिलती-जुलती रही। तभी उसकी शादी लग जाने के कारण वह परेशान थी इस बात को उसने अपने दोस्त सारांश को बताया और अर्चना सारांश और एक उसके दोस्त तेजिंदर ने अर्चना तिवारी को लापता करने के लिए ऐसी साजिश रची गई। रक्षाबंधन के मौके पर अर्चना परिवार वालों को बताया कि वह कटनी आ रही है।
पूरी साजिश और रणनीति के तहत अर्चना तिवारी और उसके दोस्त सारांश और तेजेंद्र ने पूरे प्लानिंग के तहत अर्चना तिवारी इंदौर बिलासपुर ट्रेन में तो बैठी लेकिन वह इटारसी में उतर गई इस दौरान अर्चना ने ट्रेन में ही कपड़े बदल लिए। ट्रेन और रेलवे स्टेशन में लगे सीसीटीवी से भी बचने के लिए जहां कैमरे नहीं लगे थे उन जगहों से वह निकल गई। वही इटारसी में उसके दो दोस्त सारांश और तेजिंदर इंतजार कर रहे थे फिर कार में सवार होकर वहां से निकल गई।
जीआरपी पुलिस ने बताया कि तीनों ने मिलकर इस पूरे प्लान में कोशिश थी कि वह पकड़े नहीं जाए और ना ही इसका पता चल सके। इसके लिए उन्होंने सीसीटीवी पर भी नजर रखी और ट्रेन से भी लापता होने का इस्तेमाल किया। कर में सवार होकर तीनों बुरहानपुर के रास्ते हैदराबाद फिर दिल्ली और दिल्ली से नेपाल पहुंच गए। लेकिन इस दौरान जब अर्चना तिवारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई और जीआरपी पुलिस सहित प्रदेश की पुलिस उसकी तलाश में लग गई तब तक वह किसी भी बात से ज्यादा चिंतित नहीं थे।
लेकिन जब ऑल इंडिया सर्चिंग का आदेश जारी हुआ तब वह डर गए इसके बाद अर्चना तिवारी के परिजनों ने मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच सीबीआई से करने की मांग उठाई तब वह तीनों घबरा गए उनको कुछ और सोचता तभी अर्चना तिवारी ने मोबाइल से अपने परिजनों में बात की और पुलिस को उनकी लोकेशन मिल गई। इस तरह जीआरपी पुलिस ने अर्चना तिवारी मिसिंग केस का खुलासा कर दिया। देखना होगा जीआरपी पुलिस इन तीनों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है.?