उमरिया (संवाद) राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने तक राज्य सरकार सरकार के किसी भी विभाग या उपक्रम द्वारा ऐसा कोई आदेश पारित न किया जाए, जिससे चुनाव के सम्यक् संचालन में व्यवधान उपस्थित हो (जैसे कि कर्मचारियों के स्थानान्तरण) या चुनाव की शुचिता और निष्पक्षता प्रभावित हो, जैसे कि किसी क्षेत्र या वर्ग के मतदाताओं को लाभान्वित करने की दृष्टि से कोई सुविधा या छूट देना या किसी नयी योजना (स्कीम) या कार्य के लिए स्वीकृति जारी करना ।
शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में पूर्णतः निष्पक्ष रहना चाहिये। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं।
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चुनाव के दौरे के समय यदि कोई मंत्री अथवा सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकाय आदि का कोई पदाधिकारी किसी निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर लें तो किसी शासकीय कर्मचारी को उसमें शामिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई निमंत्रण पत्र प्राप्त हो तो उसे विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर देना चाहिए।
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किसी सार्वजनिक स्थान पर चुनाव सभा के आयोजन हेतु अनुमति देते समय विभिन्न अभ्यर्थियों या राजनैतिक दलों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यदि एक ही दिन और समय पर, एक से अधिक उम्मीदवार या दल एक ही जगह पर सभा करना चाहते हों तो उस अभ्यर्थी या दल को अनुमति दी जानी चाहिए, जिसने सबसे पहले आवेदन पत्र दिया है।
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विश्राम गृहों या अन्य स्थानों में शासकीय आवास सुविधा का उपयोग सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को उन्हीं शर्तों पर करने की अनुमति दी जायेगी, जिन शर्तों पर उनका उपयोग सत्ताधारी दल को करने की अनुमति दी जाती है। परन्तु किसी भी दल या अभ्यर्थी को ऐसे भवन या उसके परिसर का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
साधारणतः चुनाव के समय जो भी आम सभा आयोजित की जाए उसे चुनाव संबंधी सभा माना जाना चाहिए और उस पर कोई शासकीय व्यय नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी सभा में उन कर्मचारियों को छोड़कर जिन्हें ऐसी सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने या सुरक्षा के लिए तैनात किया गया हो, अन्य कर्मचारियों को शामिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई मंत्री चुनाव के दौरान जिले के किसी पंचायत क्षेत्र का भ्रमण करें (जहां कि चुनाव होने वाले हों) तो ऐसा भ्रमण चुनावी दौरा माना जाना चाहिए और उसमें सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों को छोड़कर अन्य किसी शासकीय कर्मचारी को साथ नहीं रहना चाहिए। ऐसे दौरे के लिए शासकीय वाहन या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जानी चाहिए।
आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी नोडल अधिकारी नियुक्त
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि त्रिस्तरीय आम निर्वाचन 2022 को सुचारू रूप से संपन्न कराने हेतु जिले की जनपद पंचायत करकेली, मानपुर, पाली मे आचार संहिता के उल्लंघन से ंसबंधित एवं निर्वाचन की प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास भरत सिंह राजपूत को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है उनके आवश्यक सहयोग के लिए अन्य कर्मचारियों की ड्युटी भी लगाई गई है जिसमें संदीप कुशवाहा सहा0वर्ग- 03, पराग दीवान सहायक वर्ग – 03 , विवेक द्विवेदी सहायक वर्ग – 03 शामिल है। कर्मचारी नोडल अधिकारी के निर्देशन में कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।