उमरिया (संवाद) । बीते दिनों अचानक हुई बारिश से धान खरीदी केंद्रों में राखी धान बारिश के पानी से भीग गई और सैकड़ो क्विंटल धान खराब होने के कगार पर है। लेकिन अब जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ने सियासत भी शुरू हो गई है। निश्चित रूप से ज्यादा जिम्मेदारी धान का उठाव कर गोदाम तक ले जाने में जरूर लेट लतीफी हुई है, जिसमें एनसीसीएफ ज्यादा जिम्मेदार है। लेकिन धान खरीदी कर रही समितियां भी अपनी जिम्मेदारी और कर्मियों को छिपा नहीं सकती.?

आज सोमवार को जिले भर की तमाम समितियां के द्वारा जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अपनी जिम्मेदारी और कमियों को छुपाने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं उन्हें अगर बारिश से खराब हुई धान के लिए जिम्मेदार माना जाता है तो वह आगे धान की खरीदी नहीं करेंगे, ऐसा धमकाया भी जा रहा है। जबकि खरीदी केंद्र समितियां की भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि जब तक अनाज उनकी समितियां में मौजूद है उसकी सुरक्षा भी की जानी चाहिए। इसके लिए अनाज बारिश से नही भीगे और ना ही अन्य नुकसान हो, इसके लिए उन्हें पर्याप्त व्यवस्था भी करनी चाहिए।

समितियां के द्वारा कलेक्टर को सौंप गए ज्ञापन में बताया गया कि उपार्जन केंद्र को धान का रख रखाव का उपयुक्त संसाधन अनुसार किया गया किन्तु वर्षा के कारण खुले मैदान मे रखी धान वर्षा के कारण गीली होना तथा तय समय पर परिवहन भण्डारण से उठाव न होने के कारण संस्था को आर्थिक नुकसान को परिवहनकर्ता से वसूली योग्य रहेगी। इन सब मुद्दों को लेकर आज प्राथमिक सहकारी समिति कर्मचारी भोपाल जिला ईकाई उमरिया द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।
