उमरिया (संवाद)। आखिरकार 11 साल बाद पुनः जीवित हो पाई सक्को बाई उसकी 39 एकड़ जमीन के लिए सरपंच, सचिव ने पटवारी के साथ मिलकर सक्को बाई को सरकारी रिकॉर्ड में मृत दर्ज कर दिया था। जिले के नौरोजाबाद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धमनी की एक वृद्ध महिला सक्को बाई को रिकार्ड में मृत साबित करके 11 साल पहले ग्राम धमनी के तत्कालीन सरपंच और रिश्ते के भतीजे कुँवर सिंह ने रसूख का दुरूपयोग कर पंचायत सचिव और पटवारी के साथ साठगांठ करके 39 एकड़ की जमीन को अपने नाम करवा लिया था।
आखिरकार 11 साल बाद जीवित हो पाई सुक्को बाई,39 एकड़ जमीन हड़पने रसूखदारों ने रची साजिस
जब यह मामला जिले की पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू के संज्ञान में आया तब उन्होंने नौरोजाबाद टीआई को मामले की जांच कर दोषियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए और तत्कालीन सरपंच ग्राम धमनी कुँवर सिंह, सचिव ननकू सिंह और पटवारी धर्मशाह सिंह को सलाखों के पीछे पहुँचा दिया है। पूरा मामला उमरिया जिले के नौरोजाबाद थानांतर्गत ग्राम धमनी का है।
आखिरकार 11 साल बाद जीवित हो पाई सुक्को बाई,39 एकड़ जमीन हड़पने रसूखदारों ने रची साजिस
मिली जानकारी के मुताबिक वृद्ध महिला सुक्को बाई पति रिटई सिंह गोड़ के पति वर्ष 2001 के आसपास स्वर्गवासी हो गए थे।सुक्को बाई की एकमात्र बेटी की शादी होने के बाद सुक्को बाई को पालन पोषण करने का झांसा देकर रिस्ते में भतीजे लगने वाले तत्कालीन सरपंच कुँवर सिंह पिता मन्ना सिंह ने अपने पास रख लिया। लेकिन असल मे कुँवर सिंह की नजर सक्को बाई के 39 एकड़ जमीन पर थी।और कुँवर सिंह ने अपने पद का दुरूपयोग कर वर्ष 2013 में पंचायत सचिव ननकू सिंह और धर्मशाह सिंह पटवारी से साठगांठ करके ग्राम सभा मे फर्जी प्रस्ताव पास कर पूरी जमीन अपने नाम करवा लिया गया।
आखिरकार 11 साल बाद जीवित हो पाई सुक्को बाई,39 एकड़ जमीन हड़पने रसूखदारों ने रची साजिस
उक्त मामले की शिकायत जब 9 वर्ष बाद पुलिस तक पहुँचीं तो पुलिस ने तत्कालीन सरपंच कुँवर सिंह, ननकू सिंह और तत्कालीन हल्का पटवारी धर्मशाह सिंह धमनी पर अपराध क्रमांक 167/2022 के तहत IPC की धारा 420,467,468 और 120B के तहत मामला दर्ज कर 30 अप्रैल 2022 को दर्ज लिया गया था।लेकिन बीते 2 सालों से चारो आरोपी धनबल और बाहुबल के दम पर पुलिस के साथ लुकाछिपी का खेल खेल रहे थे। लेकिन तीनों आरोपी इससे भी बहुत दिन तक नहीं बच पाए आखिरकार वह समय आ ही गया जब उन्हें अब सलाखों के पीछे जाना पड़ा