मण्डला (संवाद)। केंद्र और राज्य की सरकारों ने जनजातीय वर्ग के विकास के लिए बेहतर कार्य किया है। जनजातीय वर्ग की उन्नति के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सहित अन्य क्षेत्र में कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की है। वहीं रोजगार, स्वरोजगार, आवास, बिजली आपूर्ति जैसी प्राथमिक आवश्यकता से जुड़ी योजनाओं में जनजातीय वर्ग को प्राथमिकता दिए जाने से उनके जीवन स्तर में बड़ा बदलाव आया है। यह बात महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने रामनगर में आयोजित आदि उत्सव के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री आवास योजना से जनजातीय वर्गों के पक्के आवास बन रहे हैं, उजाला योजना से उनके घरों में बिजली है तथा माताओं एवं बहनों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से मिले गैस कनेक्शन के माध्यम से चूल्हे के धुएं से छुटकारा मिला है।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय समुदाय प्रकृति के सच्चे सपूत और मातृभूमि के गौरव हैं। उन्होंने मंच से आदिवासी जन नायकों बिरसामुण्डा, टंट्याभील, गौंड़ राजाओं तथा स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके पूर्वजों के बारे में जिक्र किया और कहा कि आज आदिवासी वर्गों को समाज में आगे लाने के लिए बेटा-बेटी की अनिवार्य शिक्षा की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे वह समाज की मुख्य धारा से जुड़कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें। आदिवासी समाज को शिक्षित होने के साथ-साथ सभी तरह के नशे का त्याग कर अपने परिवार व समाज को आगे बढ़ाना होगा। राज्यपाल श्री पटेल ने सिवनी जिले में हुई घटना पर दुःख व्यक्त कर मृत आदिवासियों को श्रद्धांजली दी तथा शोक संवेदना व्यक्त की।
कार्यक्रम के भव्य आयोजन की सराहना
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने जनजातीय परंपरा को सहेजने को लेकर मंडला जिले में प्रतिवर्ष आयोजित किए जा रहे आदि उत्सव कार्यक्रम के भव्य आयोजन को लेकर केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री कुलस्ते तथा जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। साथ ही कहा कि आदिवासी संस्कृति तथा परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए किया जा रहा आदि उत्सव अपने आप में अनुपम एवं अनुकरणीय पहल है। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल श्री पटेल को जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। इसी प्रकार श्री पटेल ने देश-प्रदेश से आए जनजातीय विशिष्टजनों एवं लोक कलाकारों से भेंट की तथा आदि उत्सव स्मारिका पुस्तिका का भी विमोचन किया।
जनजातीय समाज अपने इतिहास पर गर्व करें – श्री मुण्डा
आदि उत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय जनजातीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने कहा कि हमें गोंडवाना के गौरवशाली इतिहास, अपनी संस्कृति और अपने पूर्वजों के बलिदानों पर गर्व होना चाहिये। हमारे पूर्वजों ने अपनी संस्कृति, मिट्टी और अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया है। हमें पूर्वजों के उन्ही बलिदानों से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त कुरीतियों, अशिक्षा और गरीबी को दूर करने तथा अपनी गौरवशाली संस्कृति की रक्षा का संकल्प लेकर कार्य करने की आवश्यकता है। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने अपने स्वागत उद्बोधन में गोंडवाना साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास तथा आदि उत्सव कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि, लोक कलाकारों तथा उपस्थित आमजनों का स्वागत किया।
प्रदेश सरकार जनजातीय वर्ग को मुख्य धारा से जोड़ने एवं उनके विकास के लिए कृतसंकल्पित:मीना सिंह
मध्यप्रदेश सरकार की जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने अपने उद्बोधन में प्रदेश शासन द्वारा जनजातीय विकास के लिए चलाई जा रही शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय वर्ग को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने एवं उनके विकास के लिए कृतसंकल्पित है। सुश्री सिंह ने देश-प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आदि उत्सव में शामिल हुए जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों से अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं को सहेजने और अक्षुण्ण बनाये रखने की बात कही। आदि उत्सव शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए पशुपालन एवं सामाजिक न्याय मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा कि जनजातीय लोक संस्कृति एवं उनकी परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए आदि उत्सव जैसे कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आदि उत्सव कार्यक्रम का विगत 5 वर्षों से सफल आयोजन करने पर केन्द्रीय मंत्री श्री कुलस्ते की सराहना की।
प्रदेश शासन के खाद्य आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण एवं मंडला जिले के प्रभारी मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि गोंडवाना साम्राज्य का लगभग 1400 वर्षों का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय सीधे रूप से प्रकृति से जुड़े हैं इनकी संस्कृति और परम्परायें अन्य समुदाय से अलग हैं। श्री सिंह ने मध्यप्रदेश के जनजातीय परिदृश्य, भौगोलिक वितरण तथा प्रशासकीय व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने रामनगर की भूमि को सभी आदिजनों के लिए पवित्र एवं ऐतिहासिक बताया।
शुभारंभ कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
आदि उत्सव के 7 मई को हुए शुभारंभ कार्यक्रम में केन्द्रीय जनजातीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा, केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश शासन के खाद्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री सुश्री मीना सिंह, पशुपालन एवं सामाजिक न्याय मंत्री प्रेमसिंह पटेल, राज्यसभा सांसद श्रीमती संपतिया उइके, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती मरावी, विधायक देवसिंह सैयाम, विधायक जयसिंह मरावी, भीष्म द्विवेदी, पूर्व विधायक शिवराज शाह, मध्यप्रदेश एवं भारत के अलग-अलग जनजातीय राजघरानों के प्रतिनिधि, जनजातीय संघों के प्रतिनिधि, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर प्रतिनिधि, अलग-अलग राज्यों से आए लोक कलाकार एवं बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय तथा आमजन उपस्थित थे। राज्यसभा सांसद संपतिया उईके ने आदि उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए महामहिम सहित सभी अतिथियों को हृदय से आभार व्यक्त किया।
लोक कलाकारों की प्रस्तुति ने बिखेरी छटा
आदि उत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर, पंजाब, असम, त्रिपुरा, उड़ीसा सहित देश-प्रदेश और स्थानीय कलाकारों द्वारा सामूहिक रूप से जनजाति वादन तथा नृत्य दलों ने लोक कला का प्रदर्शन किया। महामहिम राज्यपाल के समक्ष पारम्परिक वादन यंत्र ढोल, शहनाई, मांदर, गुदुम, नगाड़े की थाप पर कदम ताल से जनजातीय कलाकारों ने अपनी लोककला की छटा बिखेरी।
सिकल सेल कैम्प का किया निरीक्षण
राज्यपाल श्री पटेल ने अपने संबोधन में प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा जनजातीय वर्ग में पाए जाने वाले सिकल सेल एनीमिया के इलाज के लिए बनाई गई योजना की मंच से जानकारी दी। उन्होंने उपस्थितजनों को विवाह पूर्व लड़के एवं लड़कियों की सिकल सेल की जांच करने की सलाह दी। श्री पटेल ने मुख्य समारोह स्थल में सिकल सेल एनीमिया की जांच के लिए डॉ. धर्मेन्द्र के नेतृत्व में लगाए गए शिविर का निरीक्षण किया।
इनका हुआ सम्मान
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल एवं अतिथियों ने मंच से जनजातीय कलाकार एवं पद्मश्री से सम्मानित अर्जुन धुर्वे, जनजातीय चित्रकला से जुड़े आशीष कछवाहा, राष्ट्रीय तलवारबाज खिलाड़ी कु. अंजली मरावी, नेटबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी कु. शीतलशाह, आदिवासी भाषा शैली लेखन व शोध कार्य से जुड़े के.एल. मित्रा, जनजातीय समाज के उत्थान से जुड़े बी.एस. परतेती तथा जगजीवन राम को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
जनजातीय, सामाजिक एवं धार्मिक गुरूओं से हुई चर्चा
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने आदि उत्सव कार्यक्रम के पश्चात मंडला एवं आसपास के जिलों के जनजातीय, सामाजिक एवं धार्मिक गुरूओं तथा पंडाओं से आत्मीय चर्चा की। उन्होंने चर्चा के दौरान जनजातीय समस्याओं, विकास एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर बात की।