13 साल बाद आया ऐतिहासिक फैसला,जिले का बहुचर्चित डोंगरी टोला शासकीय भूमि घोटाला में 18 लोंगो को 5-5 साल की सजा

Recently, the court of Hon’ble Sessions Judge Shri SK Kasyap, while delivering a historic verdict on a case, ordered to punish 18 accused with five years’ imprisonment and five-five thousand fine for selling land by making fake loan book of government land. has been sentenced.
उमरिया (संवाद)। विगत दिनों जिले का बहुचर्चित डोंगरी टोला शासकीय भूमि के घोटाले मामले में माननीय सत्र न्यायाधीश श्री एस के कस्यप की न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए शासकीय भूमि का फर्जी पट्टे बनवाकर भूमि विक्रय करने के आरोप में 18आरोपियों को पांच पांच साल का कारावास एवं पांच-पांच हजार के अर्थदण्ड से दण्डित करने का दण्डादेश दिया है।
प्रकरण के संबंध में अपर लोक अभियोजक आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि तहसील मानपुर अंतर्गत डोंगरी टोला की शासकीय भूमि जंगल खसरा नंबर 437,479,481,482,496,499कुल रकवा 49-30 एकड़ को तत्कालीन पटवारी गोरेलाल चौधरी ने अपने कार्य काल में सरकारी दस्तावेजों में भूमि का रकवा बढ़ा कर 192-63एकड़ कर निजी ब्यक्तियों के नाम षडयंत्र पूर्वक फ़र्जी पट्टे बनवाकर भूमि विक्रय कर विक्रेता को भी क्षति पहुंचाये हैं ।
वर्ष 2007 में विक्रेता की शिकायत पर कलेक्टर महोदय के आदेश पर तत्कालीन एस डी ओ बी डी सिंह द्वारा राजस्व अभिलेखों की जांच कराने पर पाया कि उपरोक्त खसरा नंबरो की भूमि जो 1953-54 -1958-1959 के अभिलेखों में शासकीय भूमि जंगल दर्ज है किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना निजी पट्टेदारों के नाम बटांकन के साथ 2004-2005के अभिलेखों में दर्ज हो कर विक्रय कर दी गई है। और राजस्व अभिलेखों में षणंयत्र पूर्वक कूट रचना कर विक्रेता को क्षति पहुंचा कर लाभ प्राप्त किये हैं।
जिसके संबंध में एसडीओ मानपुर बी डी सिंह के द्वारा थाना मानपुर में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करायी गई। जिसे थाना मानपुर ने अपराध क्र 26/2010अपराध धारा 420,467,468,471, 34,भा द वि केअंतर्गत लेख बद्ध कर प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक आर डी महोविया द्वारा की गई प्रकरण से संबधितदस्तावेजी एवं मौखिक कथन लेखक कर 23आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण का विचारण माननीय सत्र न्यायालय के समक्ष अभियोजन साक्षियों का परीक्षण अपर लोक अभियोजक आनंद श्रीवास्तव द्वारा करा कर समुचित दस्तावेजों का परीक्षण न्यायालय के समक्ष करा कर मामले को साबित करने का पूरा प्रयास किये।
प्रकरण के विचारण के दौरान तीनआरोपियों कि मृत्यु हो जाने से 20आरोपियो के आरोपों पर विचारण किया गया। तत्पश्चात माननीय न्यायालय आरोपी गण को बचाव का समुचित अवसर देने के बाद उभय पक्ष के तर्क श्रवण कर प्रकरण का सूक्ष्म परिशीलन में पाये कि आरोपी जमुना राय विक्रेता को धोखा दे कर भूमि विक्रय करने का अनुबंध कर चेक से राशि प्राप्त किया है जिसे चार वर्ष की कारावास एवं 1000/एवं 17आरोपियों को पांच पांच वर्ष का कारावास एवं पांच पांच हज़ार रुपये केअर्थ दण्ड से दण्डित किया गया।
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