जिले में सोशल पुलिसिंग की है कमी, जिले में आये दिन होती है चोरियां, इधर पकड़े गए शातिर चोर,

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उमरिया (संवाद)। जिले भर में चोरियों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे पुलिस महकमा टेंशन में में है। जिले के तमाम थानों के अंतर्गत क्षेत्र में चोरों के हौसले बुलंद है, चोर चोरी करके निकल जाता है और किसी को कानो कान खबर तक नही होती।हालांकि पाली थाने के पाली प्रोजेक्ट में हुई चोरी में पुलिस को सफलता हासिल हुई है। लेकिन अन्य कई मामलों में पुलिस को सुराग तक नही मिले है। जानकर और पुलिस से जुड़े लोग बताते है कि पूर्व के कुछ वर्षों से पुलिस का एक महत्वपूर्ण हैंड्स सोशल पुलिसिंग में कमी आई है।,इसके पहले पुलिस विभाग के अधिकारी सोशल पुलिसिंग पर बहुत जोर देते थे और लोंगो को जोड़कर रखते थे जिससे कई अपराधों में उनकी मदत ली जाती थी।
बीती रात कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम कछरवार में रविवार की दरमियानी देर रात पूर्व सरपंच मोहनलाल पिता शेमाली प्रजापति के घर चोरों ने धावा बोला है,इस दौरान चोरों ने कीमती जेवरात सहित क़ई हजार की नगदी पार की है,बताया जाता है कि पूर्व सरपंच अपनी पत्नी श्याम बाई एवम पुत्र सुरेंद्र प्रजापति के साथ वैवाहिक कार्यक्रम में शहडोल स्थित अमलाई गए हुए है,वही बड़ा पुत्र पुष्पेंद्र प्रजापति खेत पर था,घर पर महज दो बहुवें अंजू प्रजापति एवम सरोज प्रजापति थी,जो मकान के छत पर सो रहे थे,तभी अज्ञात चोरों ने बाकायदा घर मे लगे ताले को तोडा और घर से नगदी समेत बेशकीमती जेवर पार कर दिए।
जिले में लगातार चोर हावी हो रहे है,अभी हाल के महीनों में क़ई घरों को  अज्ञात चोरों ने निशाना बनाया है,परन्तु पुलिस इन अज्ञात चोरों को गिरफ्त में लेने अपेक्षाकृत कामयाब नही हो पा रही है।

क्या है सोशल पुलिसिंग

सोशल पुलिसिंग पुलिस का कोई सरकारी अमला नही है।बल्कि ये वे लोग होते है जो समाज के बीच,समाज मे रहकर आम लोग होते है और समाज गाँव, मोहल्ले में रहकर नजर रहते है और उसकी सच्चाई पुलिस को देते है।ऐसे कई अंधे मामले हुए है जिसे पुलिस ने यही सोशल पुलिसिंग के माध्यम खुलासे किए और असल अपराधी पकड़ा को गया है। हालांकि अब इसका एक दूसरा रूप भी सामने आया है जिसे मुखबिर भी कहा जाने लगा है।
कुछ सालों पूर्व इससे मिलता जुलता अभियान पुलिस के द्वारा प्रारम्भ किया गया जिसमें समाज के बीच से लोंगो को रक्षा समिति बनाई गई थी,जिसमे गांव के लिए ग्राम रक्षा समिति और शहरों के लिए नगर सुरक्षा समिति बनाई गई थी।लेकिन वर्तमान समय यह अभियान व सोशल पुलिसिंग में कमी देखने को मिली है।

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