नाबालिक से छेडखानी करने पर हुई सजा

Editor in cheif
4 Min Read
  • उमरिया 26 जनवरी – मीडिया प्रभारी (अभियोजन) नीरज पाण्डेठय द्वारा बताया गया कि 23 दिसंबर .2017 को चचेरे भाई के साथ ग्राम जुडवानी आई थी । 30 दिसंबर 2017 को उसके भाई-भाभी व बडी मां खेत में काम करने चले गए थे और वह अपनी बडी मां के घर में अकेली थी, तभी दिन के 11 बजे के करीब उसके गांव का आरोपी इन्द्रबपाल बैगा आकर उसके घर के अन्दरर घुस कर उसका हाथ पकड कर अन्दर कमरे में ले जाकर उसके साथ अशलील हरकत करने लगा जिस पर वह जोर से चिल्लाई तो आरोपी उसे छोड कर भाग गया और आरोपी उससे कह रहा था कि ज्यादा हल्ला करोगी तो उसका गला दबा देगा। घटना की जानकारी बड़ी मां को दी। जिस थाना नौरोजाबाद में उक्ताशय की मौखिक रिपोर्ट लेख कराई । जिस पर अभियुक्त के विरूद्ध थाना नौरोजाबाद के अपराध क्र0 547/2017 धारा 452,354 भा0द0वि0 तथा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया । राज्य की ओर से मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी अर्चना मरावी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बी0 के0 वर्मा द्वारा कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया । जिनके तर्काे से सहमत होकर आरोपी को जेल भेज दिया गया । जिस पर द्वितीय अपर सत्र न्यारयाधीश अशरफ अली के न्यायालय द्वारा उक्तो आरोपी को धारा 8 के अंतर्गत 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं आरोपी को 1000 रूपये के अर्थदण्डम से दण्डित किया गया ।

वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के तहत आरोपी को हुई सजा
उमरिया। मीडिया प्रभारी (अभियोजन) नीरज पाण्डेय द्वारा बताया गया कि 13 मार्च 2008 को दिन में करीब 10-11 बजे वन परिक्षेत्र पतौर (पनपथा) बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान में पदस्थ वनपाल गस्तीं टीम के साथ गस्त कर रहे थे तभी वायरलेस से सूचना प्राप्त हुई कि रिजर्व फॉरेस्ट आर. एफ. 412 बीट पतौर ए.बी. में ननागर नाला के पास आग का धुंआ दिखाई दे रहा है तब वह अपनी टीम के साथ आग बुझाने और निरीक्षण करने गया तो वहां पर कुछ लोगों के उसी समय के जूतों के निशान पाया गए व उक्त स्थान के चारों तरफ खोजने पर 3 व्यक्ति दिखे जिसमें एक व्यक्ति पोटली रखे था अन्य दो व्यक्ति सूखे बांस के दो गठ्ठे रखकर ले जा रहे थे जिन्हें उक्त वनपाल व उसके साथियों ने पकडने की कोशिश की तो अभियुक्त गण भागने लगे जिसमें एक व्यंक्ति जो बांस का गठ्ठा रखा था व पकड में आ गया तथा दोनो व्यीक्त जो पोटली एवं बांस रखे थे , फेंककर भाग गए । मौके पर 25-25 की संख्या में कुल 50 नग बांस पाया गया तथा पोटली में मृत मादा खरगोश बिना सिर का था । जिस पर अभियुक्त गण के विरूद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2(16), 8, 27, 29, 30,31,50 व 51 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया । राज्य की ओर से मामले में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी नीरज पाण्डेटय द्वारा कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया । जिनके तर्काे से सहमत होकर आरोपी को जेल भेज दिया गया । जिस पर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा उक्त आरोपी फूलसिंह को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9,27,30,31 सहपठित धारा 51 के अंतर्गत 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं आरोपी को 10,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *