कटनी (संवाद)। सरकारें लाख दावे करे, विकास और जनकल्याण के लिए तमाम योजनाओं का ढिंढोरा पीते, लेकिन तब किसी इंसान की भूख से मौत कैसे हो सकती है और अगर होती है तो यह स्थानीय प्रशासन और सरकार की बड़ी असफलता है।
बीते दिन कटनी जिले के ढीमरखेड़ा थाना के झिंन्ना पिपरिया गांव के निवासी रविदास पिता जमुनादास उम्र 48 वर्ष की भूख से मौत हो गई। इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। प्राथमिक पीएम रिपोर्ट में उसके शरीर मे खाना नही पाया गया और जिस हिसाब से उसकी शरीर के अंग हो गए थे उससे यह जान पड़ता है कि मृतक लगभग 15 दिन से भूखा था, या इस बीच उसे खाना नही मिला। उसका शरीर सूजकर फूल गया था, इसके अलावा पेट के अंदर के अंग सिकुड़ गए थे। पित्ताशय भी फुला हुआ था। यह सब कई दिनों से भूखे रहने के कारण होता है।
मामले में बताया गया कि मृतक के घर से टीवी की दवाइयां मिली है जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि युवक टीवी का शिकार रहा होगा।यह भी बताया गया कि युवक घर मे अकेले रहता था और उसके पास कोई आय का साधन नही था।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि स्थानीय प्रसाशन उसकी देखभाल क्यो नही की अगर वह बीमार था तो उसे हास्पिटलाइज क्यो नही किया गया। स्थानीय पुलिस थाना, गांव के सचिव, रोजगार सहायक,कोटवार,आगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका तमाम लोंगो की फौज है, इसके अलावा स्वास्थ्य अमला भी गांव गांव मौजूद है। तब किसी ने उसका ध्यान क्यो नही दिया जैसे कई सवाल प्रशासन और सरकार को कटघरे में खड़ा करता है।
बहरहाल स्थानीय प्रशासन और सरकार के दावे युवक की भूख से मौत के बाद एक बार फिर खोखले साबित हुए है। हां अब जिला प्रशासन यह जरूर करने के फिराक में है की युवक की मौत भूख से नही बल्कि किसी अन्य कारणों से हुई है।
Source:dainik bhaskar