सीएम शिवराज की सख्ती के बावजूद जिले में समस्याओं का अंबार, गरीब आदिवासियों के नहीं होते कोई काम

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उमरिया (संवाद)। आदिवासी बाहुल्य जिला उमरिया में गरीब, आदिवासी, ग्रामीण, मजदूर, व किसानों का कोई भी काम आसानी से नहीं होता। ग्रामीण दिन-दिनभर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं, कहीं तहसील कार्यालय के कहीं कलेक्ट्रेट के कहीं जनपद के तो कहीं ग्राम पंचायतों के फिर भी उनका काम नहीं होता है। जिस कारण जिले में समस्याओं का अंबार हो गया है। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लगातार मंच से अधिकारियों को सख्त लहजे में कहते हुए कई बार सुना जा चुका है कि जनता का कोई भी काम रुकना नहीं चाहिए और ना ही उन्हें कोई परेशानी होना चाहिए बावजूद इसके अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती।
इन्हीं सब के चलते बांधवगढ़ क्षेत्र के आदिवासी विधायक शिव नारायण सिंह अपने आदिवासी भाइयों, मजदूरों व किसानों की परेशानी को देखते हुए कलेक्टर उमरिया से क्षेत्र में जन समस्या निवारण शिविर लगाकर क्षेत्रवासियों की समस्याओं का निराकरण कराने का आग्रह किया है। बता दें कि बीते कुछ समय से जिले की व्यवस्था हाल बेहाल है आलम यह है कि जिले में ना कोई किसी की सुनता है और ना ही कोई काम करता है, नतीजा जिले की ग्रामीण आदिवासी जनता बेहाल है।

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उमरिया (संवाद)। आदिवासी बाहुल्य जिला उमरिया में गरीब, आदिवासी, ग्रामीण, मजदूर, व किसानों का कोई भी काम आसानी से नहीं होता। ग्रामीण दिन-दिनभर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं, कहीं तहसील कार्यालय के कहीं कलेक्ट्रेट के कहीं जनपद के तो कहीं ग्राम पंचायतों के फिर भी उनका काम नहीं होता है। जिस कारण जिले में समस्याओं का अंबार हो गया है। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लगातार मंच से अधिकारियों को सख्त लहजे में कहते हुए कई बार सुना जा चुका है कि जनता का कोई भी काम रुकना नहीं चाहिए और ना ही उन्हें कोई परेशानी होना चाहिए बावजूद इसके अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती।इन्हीं सब के चलते बांधवगढ़ क्षेत्र के आदिवासी विधायक शिव नारायण सिंह अपने आदिवासी भाइयों, मजदूरों व किसानों की परेशानी को देखते हुए कलेक्टर उमरिया से क्षेत्र में जन समस्या निवारण शिविर लगाकर क्षेत्रवासियों की समस्याओं का निराकरण कराने का आग्रह किया है। बता दें कि बीते कुछ समय से जिले की व्यवस्था हाल बेहाल है आलम यह है कि जिले में ना कोई किसी की सुनता है और ना ही कोई काम करता है, नतीजा जिले की ग्रामीण आदिवासी जनता बेहाल है।गौरतलब है कि सरकार ने हर काम के लिए अलग-अलग विभाग, फिर उसमें काम करने वाले विभाग प्रमुख अधिकारी कर्मचारियों की फौज खड़ी की है, बावजूद इसके जिले के ग्रामीण आदिवासी दुर्दशा के शिकार हैं। विधायक शिवनारायण से जब नहीं रहा गया तब उन्होंने कलेक्टर को बाकायदा पत्र लिखकर क्षेत्र के ग्राम पंचायत निगहरी ग्राम पंचायत, घुलघुली और ग्राम पंचायत बांका में जन समस्या शिविर का आयोजन करने का आग्रह किया है साथ ही मुख्य रूप से फौती नामांतरण एवं बटवारा पात्रता पर्ची, बिजली बिल, प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, वन अधिकार एवं पेयजल व्यवस्था जैसी समस्याओं को चिन्हित किया है।
गौरतलब है कि सरकार ने हर काम के लिए अलग-अलग विभाग, फिर उसमें काम करने वाले विभाग प्रमुख अधिकारी कर्मचारियों की फौज खड़ी की है, बावजूद इसके जिले के ग्रामीण आदिवासी दुर्दशा के शिकार हैं। विधायक शिवनारायण से जब नहीं रहा गया तब उन्होंने कलेक्टर को बाकायदा पत्र लिखकर क्षेत्र के ग्राम पंचायत निगहरी ग्राम पंचायत, घुलघुली और ग्राम पंचायत बांका में जन समस्या शिविर का आयोजन करने का आग्रह किया है साथ ही मुख्य रूप से फौती नामांतरण एवं बटवारा पात्रता पर्ची, बिजली बिल, प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, वन अधिकार एवं पेयजल व्यवस्था जैसी समस्याओं को चिन्हित किया है।
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