मोहम्मद शकील, ब्यूरो चीफ शहडोल।
शहडोल। खनिज विभाग के अजब-गजब कारनामे की चर्चा जिलेभर में हो रही हैं, जहां जिलेभर में रेत के अवैध उत्खनन पर पुलिस विभाग की कार्यवाही पहले ही खनिज विभाग के कार्यों पर प्रश्नचिन्ह खड़ी कर चुकी है। खनिज विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण जिले भर में उत्खनन खदान धारक नियमों को ताक पर रखकर कर उत्खनन और परिवहन का कार्य बेधड़क कर रहे हैं। पत्थरों के उत्खनन और परिवहन में खनिज विभाग एवं पर्यावरण विभाग के नियमों की अनदेखी कर विभाग से सांठगांठ कर क्रेशर एवं खदान का संचालन किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला शेमरा जाने वाले मुख्यमार्ग में स्थापित क्रेशर का है
बगैर टीपी के परिवहन व उत्खनन
खनिज नियमो के अनुसार पत्थरों की ढुलाई व गिट्टी परिवहन के लिए बकायदे एक टीपी तय की गई है यानि हर खेप के लिए एक खनिज रायल्टी काटना आवश्यक है किंतु इस नियम के विपरीत शेमरा मुख्यमार्ग में क्रेशर का संचालन किया जा रहा है यही नही जानकारों की मानें तो इस क्रेशर में लगने वाले पत्थर लीज से नही बल्कि वहाँ के स्थानीय ट्रैक्टरधारियों द्वारा यहाँ-वहाँ से चोरी कर क्रेशर में पहुँचाया जाता है शेमरा क्षेत्र में पहले भी सोन नदी के पत्थरों की तुड़ाई करने की खबर अधिकारियों तक खबरों के माध्यम से पहुंचाया गया है किंतु मामला फिर ढीला पड़ गया l
प्रदूषण युक्त इस क्रेशर से उड़ रहे धूल के गुब्बारे
नियमो की माने तो आवासीय व घने बसे क्षेत्र में क्रेशर स्थापित करना मनाही है किंतु मुख्यमार्ग में लगा यह क्रेशर रोजाना धूल के गुब्बारे आमजनमानस व राहगीरों को परोस रहा है यही नही प्रदूषण नियमो के तहत क्रेशर में स्प्रिंक्लर व बड़ी बड़ी दीवारो का घेराव होना चाहिए किन्तु सड़क पर स्थित क्रेशर में प्रदूषण के किसी कायदे के पालन नही होते दिख रहे यही नही प्रदूषण व धूल के रोंकने हेतु वृक्ष भी नही लगाए गए जिससे वातावरण का अशुद्ध होना निश्चित है।