जिप्सी चोरी के आरोप में घिरे 2 कलेक्टर,जिप्सी कांड की आँच उमरिया के जिम्मेदारों तक

उमरिया (संवाद)। सीधी जिले के संजय गाँधी टाइगर रिज़र्व मे बिना परमिसन कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंषी का सफारी करने का वायरल वीडिओ सीधी से लेकर उमरिया तक भू चाल मचाकर रख दिया है। दरअसल सीधी कलेक्टर स्वरोचिश सोमवंशी का वीडियो सोशल मीडिया मे खूब वायरल हो रहा है जिसमे कलेक्टर स्वरोचिश सोमवंशी वाइल्डलाइफ एक्ट का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं और बिना परमिशन प्राइवेट जिप्सी से संजय धुबरी टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना परमिसन घूमते नजर आ रहे हैं। जिप्सी स्वास्थ्य विभाग उमरिया की बताई जा रही है लेकिन जिप्सी सीधी जिले कैसे पहुंची यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.?
मामले में शिकायत के बाद अपर प्रधान वन संरक्षक (वन्य जीव) ने इस मामले में जांच रिपोर्ट मांगी है। तो वही इस पूरे घटना क्रम पर कलेक्टर सोमवंशी ने आरोपों को आधारहीन बताया है। तो वही जिस जिप्सी से कलेक्टर सोमवंशी सफारी कर रहे है उस जिप्सी का तार उमरिया तक जुडा हुआ है। सूत्रों से जानकारी सामने आ रही है कि यह जिप्सी उमरिया स्वास्थ्य विभाग को दान स्वरुप मिली थी। लेकिन तत्कालीन वाहन प्रभारी कौशल साकेत जिप्सी मे ऐसा क्या हेर फेर किया कि जिप्सी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंषी के पास चली गई। बाद मे उनके चहेतो ने 2023 मे उस जिप्सी को धमोखर निवासी उमेश यादव के नाम ट्रांसफर भी करा दिया गया और गुजरात की जिप्सी MP- 54-ZA 3935 के रूप मे परिवर्तित हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक उमरिया जिले के पूर्व कलेक्टर अभिषेक सिंह ने इस जिप्सी वाहन को रिपेयरिंग कराकर उसका उपयोग शुरू किया और यह वाहन स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस समारोह में भी शामिल हुआ था, तत्पश्चात कलेक्टर अभिषेक सिंह का स्थानांतरण हुआ और वह वाहन अभिषेक सिंह सीधी ले गये। एक तय समय के बाद कलेक्टर अभिषेक सिंह का तबादला हो गया और वह वाहन सीधी में पड़ा रहा। जब कलेक्टर स्वारोचिष सोमवंशी ने सीधी कलेक्टर का प्रभार लिया तो उस वाहन का उपयोग पुनः होने लगा।
लेकिन स्वास्थ्य विभाग उमरिया को दान में मिली इस जिप्सी को किसके द्वारा बेच दिया गया या दान कर दिया गया यह किसी को पता नहीं है। इस वाहन की पोल तब खुली जब सीधी कलेक्टर स्वारोचिष सोमवंशी हर सप्ताह अपने दोस्तों के साथ कोर एरिया(जहां आम आदमी या अन्य टूरिस्टों का प्रवेश वर्जित है) संजय टाइगर रिजर्व में जाते थे, हाल के 15 मार्च 2025 को वह गये और रास्ते पर किसी अन्य पर्यटकों से उनका विवाद हो गया और पर्यटकों ने इस मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग कर शिकायत कर दी। घटना के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है और कलेक्टर से जबाब तलब किया है।
मामले में सीधी कलेक्टर ने अपनी सफाई में उक्त वाहन का मालिक न होने और कोर एरिया में भ्रमण नहीं करने की बात कही है, जबकि आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं और प्रदेश के मुख्य सचिव और एनटीसीए को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। बहरहाल उमरिया जिला अस्पताल का वाहन सीधी कैसे गया और उसे कब और किसके कहने पर नीलाम कर दिया गया यह सवाल अभी भी बरकरार है, जिसके लिए कौशल साकेत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं।
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