2.5 करोड़ की 11 हजार क्विंटल धान गायब,गोदाम में जमा नहीं होने से हुआ खुलासा,अधिकारियों में मची अफरा तफरी

Editor in cheif
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शहडोल (संवाद)। एक ओर जहां प्रशासन किसानों की धान खरीदी के लिए जोर-शोर से युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटा हुआ है।वहीं शहडोल जिले में किसानों से समर्थन मूल्य में खरीदे गए 11 हजार क्विंटल धान गायब होने का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। धान स्कैम सामने आने के बाद संबंधित अधिकारी अब अपनी कमी को छिपाने के लिए समिति व संबंधित ठेकेदार से इसकी वसूली करने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

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शहडोल (संवाद)। एक ओर जहां प्रशासन किसानों की धान खरीदी के लिए जोर-शोर से युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटा हुआ है।वहीं शहडोल जिले में किसानों से समर्थन मूल्य में खरीदे गए 11 हजार क्विंटल धान गायब होने का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। धान स्कैम सामने आने के बाद संबंधित अधिकारी अब अपनी कमी को छिपाने के लिए समिति व संबंधित ठेकेदार से इसकी वसूली करने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।शहडोल जिले में बीते साल समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की गई थी। खरीदी गए धान की मात्रा और गोदाम में जमा की गई मात्रा में 11 हजार क्विंटल का अंतर आया है। जिसकी कीमत 2 करोड़ 33 लाख के आस पास की बताई जा रही है। बड़ी मात्रा में धान गायब होने से एमपी स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन विभाग में भी हड़कंप मच गया है। अब नान विभाग सम्बंधित समिति व परिवहनकर्ता ठेकेदार से राशि वसूलने की बात कह रहा है।बीते वर्ष 1940 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान समर्थन मूल्य पर 14 लाख 6 हजार क्विंटल धान किसानों से समिति के माध्यम से खरीदा गया था। जिसका परिवहन शानू ट्रांसपोर्ट के माध्यम से किया गया था। जिसके बाद अब गोदाम में जमा 11 हजार क्विंटल धान कम पाया गया है। जिसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपए से अधिक है।
शहडोल जिले में बीते साल समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की गई थी। खरीदी गए धान की मात्रा और गोदाम में जमा की गई मात्रा में 11 हजार क्विंटल का अंतर आया है। जिसकी कीमत 2 करोड़ 33 लाख के आस पास की बताई जा रही है। बड़ी मात्रा में धान गायब होने से एमपी स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन विभाग में भी हड़कंप मच गया है। अब नान विभाग सम्बंधित समिति व परिवहनकर्ता ठेकेदार से राशि वसूलने की बात कह रहा है।

बीते वर्ष 1940 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान समर्थन मूल्य पर 14 लाख 6 हजार क्विंटल धान किसानों से समिति के माध्यम से खरीदा गया था। जिसका परिवहन शानू ट्रांसपोर्ट के माध्यम से किया गया था। जिसके बाद अब गोदाम में जमा 11 हजार क्विंटल धान कम पाया गया है। जिसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपए से अधिक है।
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