MP (संवाद)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले में बच्चों की संदिग्ध मौतों के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार रात परासिया थाना पुलिस ने डॉक्टर प्रवीण सोनी और श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर दर्ज होने के कुछ ही घंटों बाद कोतवाली थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉक्टर सोनी को एसपी की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर की गई। पुलिस ने जिन धाराओं में मामला दर्ज किया है, उनमें 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
शनिवार रात आई सरकारी जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों को दिया गया Coldrif सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) पाया गया है। यह रासायनिक तत्व अत्यधिक विषैला होता है और शरीर में जाने पर किडनी फेलियर का कारण बनता है।वहीं, अन्य दो दवाओं — नेक्स्ट्रो-डीएस और मेफटॉल-पी सिरप की रिपोर्ट सही आई है, यानी उनमें किसी तरह का हानिकारक तत्व नहीं पाया गया।
बीते दिनों छिंदवाड़ा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से 11 बच्चों की किडनी फेल होने की खबरें सामने आई थीं। प्रारंभिक जांच में सभी बच्चों को एक ही ब्रांड की खांसी की सिरप दिए जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद प्रशासन ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे।
प्रशासन अब श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी के उत्पादन यूनिट और वितरण चैनल की गहन जांच कर रहा है। ड्रग कंट्रोलर टीम ने कंपनी के अन्य उत्पादों के सैंपल भी जब्त किए हैं। राज्य सरकार ने इस मामले को “गंभीर लापरवाही और मानवीय अपराध” मानते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।