स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी,जानिए मंत्री परिषद का निर्णय

Editor in cheif
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मध्यप्रदेश में  स्कूल शिक्षा विभाग में बहुप्रतीक्षित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है।जिसमें शिक्षा विभाग से जुड़े लोंगो के लिए काफी अहम माना जा रहा है।इस मंजूरी से जहां ट्रांसफर नीति सुलभ और सरल होगी वहीं मध्यप्रदेश के सभी स्कूलों में टीचरों की उपलब्धता की भी जानकारी होगी।इसके पहले कई बार कई स्कूलों में टीचरों का अभाव रहता है।वहीं कई स्कूलों में जरूरत से ज्यादा टीचर उपलब्ध रहते है। नई ट्रांसफर नीति ऑनलाइन होने से जहां उनको स्थानांतरण में सुविधा होगी  वहीं इसके अलावा विशेष परिस्थिति छोड़कर 3 साल से पहले ट्रांसफर नही हो सकेगा।

आज कैबिनेट में सीएम शिवराज की अध्यक्षता में बल्लभ भवन में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों से जनित आवश्यकताओं के दृष्टिगत विभागीय नवीन स्थानांतरण नीति को मंजूरी दी गई। नवीन स्थानांतरण नीति सत्र 2023-24 से प्रभावी होगी। सभी संवर्गों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया 31 मार्च से 15 मई के मध्य पूरी कर ली जाएगी। पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। स्वैच्छिक ट्रांसफर भी ऑनलाइन ही होंगे। रिलीविंग और ज्वाइनिंग की कार्यवाही ऑनलाइन होगी। एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के बाद विशेष परिस्थिति छोड़ कर 3 वर्ष तक स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई शाला शिक्षक विहीन न हो।

नई ट्रांसफर नीति में पहले प्रशासनिक स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी।  नवीन नियुक्त टीचरों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में कम से कम 3 वर्ष और अपने संपूर्ण सेवाकाल में कम से कम 10 वर्ष कार्य करना होगा। 10 वर्ष या इससे अधिक अवधि से एक संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा। ऐसे शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति 3 वर्ष शेष है अथवा गंभीर बीमारी या विकलांगता से पीड़ित है, उन्हें इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जायेगा। स्थानांतरण में वरीयता क्रम निर्धारित किया गया है। शिक्षकों को निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा। उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल और सी.एम राईज स्कूलों में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे। प्राचार्य/सहायक संचालक या उससे वरिष्ठ पदों के स्वैच्छिक स्थानांतरण आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। उनका निराकरण ऑफ लाइन भी किया जा सकेगा।  प्रथम श्रेणी अधिकारियों के स्थानांतरण समन्वय में मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किए जाएंगे। 

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