सोनोग्राफी संचालक एवं डॉक्टर को 1-1 वर्ष की सजा,अवैध तरीके से संचालित था सोनोग्राफी सेंटर

Editor in cheif
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प्रतीक रामचंद्राणी टीकमगढ़।
जिले में नियम विरुद्ध तरीके से सोनोग्राफी के संचालन में संलिप्त पाये जाने के मामले में अरिहंत सोनोग्राफी सेंटर के संचालक और संबंधित डॉक्टर रेडियो लॉजिस्ट को न्यायालय ने 1-1 साल की सजा और 10-10 हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
प्रकरण की जानकारी देते हुए पैरवीकर्ता सहा.जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती अंजली अग्रवाल ने बताया कि दिनांक 07 अगस्त18 को जिले के कलेक्‍टर द्वारा गठित जांच दल के द्वारा न्‍यू अरिहंत सोनोग्राफी सेंटर सिद्धार्थ कॉम्‍प्‍लेक्‍स, सिविल लाईन थाना कोतवाली टीकमगढ में उक्‍त सोनोग्राफी सेंटर की जांच की गई थी। जांच के दौरान टीम ने पाया था कि उक्‍त सोनोग्राफी सेंटर में गर्भवती महिला के सोनोग्राफी के पूर्व नियमानुसार फार्म -एफ पर हस्‍ताक्षर नहीं कराये थे एवं उसकी सोनोग्राफी की गई थी । जॉंच के दौरान यह भी पाया गया था कि फार्म 24 पर सोनोग्राफी करने वाले चिकित्‍सक का नाम एवं उनकी शैक्षणिक योग्‍यता अंकित नहीं थी । जॉंच में यह भी पाया गया था कि उक्‍त सोनोग्राफी सेंटर के बाहर बोर्ड पर डॉ. सुधांशु जैन, एम.डी. रेडियोलॉजिस्‍ट का नाम प्रदर्शित था जो कि उक्‍त सोनोग्राफी सेंटर में पंजीकृत नहीं थे।
जॉंचदल द्वारा मौके पर ही निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किया था एवं आवश्‍यक कार्यवाही उपरांत सी.एम.एच.ओ. डॉ. श्रीमती वर्षा राय द्वारा माननीय न्‍यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत किया गया था । प्रकरण में संपूर्ण विचारण उपरांत माननीय न्‍यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्‍तुत मौखिक, दस्‍तावेजी साक्ष्‍य एवं सहा. जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती अंजली अग्रवाल द्वारा प्रस्‍तुत प्रस्‍तुत लिखित तर्क से सहमत होते हुए आरोपीगण को गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम(PCPNDT), 1994 की धारा 5(क-ख-ग), 10(ए), धारा 3 में दोषसिद्ध ठहराते हुए उक्‍त अधिनियम की धारा 23 के अंतर्गत 1 – 1 वर्ष के कारावास एवं 10 – 10 हजार रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया ।
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