Many construction works are started in all the rural areas and gram panchayats of the district. Many construction works like Amrit Sarovar, Pul Pulia, Stop Dam started under Amrit Mahotsav are being done in Panchayats. Apart from this, various works are also being done under beneficiary oriented and cleanliness campaign.
In fact, the condition of the construction works being carried out by the Gram Panchayats is not hidden from anyone. There are complaints about it every day. Somewhere the construction criteria are not met, then there are reports of substandard material being used.
उमरिया (संवाद)। जिले के तमाम ग्रामीण इलाकों और ग्राम पंचायतों में कई निर्माण कार्य प्रारंभ है। अमृत महोत्सव के तहत शुरू हुए अमृत सरोवर, पुल पुलिया, स्टॉप डेम जैसे कई निर्माण कार्य पंचायतों में किए जा रहे हैं। इसके अलावा हितग्राही मूलक और स्वच्छता अभियान के तहत भी विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।
दरअसल ग्राम पंचायतों के द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों की हालत किसी से छिपी नहीं है। आए दिन इसकी शिकायतें मिलती रहती हैं। कहीं निर्माण के मापदंड को पूरा नहीं किया जाता तो कहीं घटिया मटेरियल लगाने की खबर आती रहती है ।
(गुणवत्ता विहीन स्टापडेम का निर्माण)
जिले के करकेली जनपद के ग्राम पंचायत नरवार 29 ने लगभग ₹8 लाख की लागत से बनने वाला स्टॉप डेम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। यहां सीमेंट पर रेत मिलाने की बजाय वही नजदीक नाले से मिट्टी युक्त पटपर मिलाया जा रहा है। इसके अलावा मजदूरों को मजदूरी भी कम देने की बात सामने आई है। ग्रामवासियों ने बताया कि स्टॉप डेम निर्माण में ग्राम पंचायत के जिम्मेदार और सब इंजीनियर मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। निर्माण में मटेरियल भी घटिया किस्म का लगाया जा रहा है जिससे गुणवत्ता पर सवाल है। लोगों ने बताया कि इस हालत में तो स्टॉप डेम पहली बारिश में ही बह जाएगा।
(पत्थर की जगह ईट के टुकड़ों का बेस, कमजोर सरिया)
इसके अलावा पाली जनपद के ग्राम पंचायत सलैया में बरबसपुर पहुंच मार्ग में लगभग 15 लाख की लागत से बनने वाला पुल में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। गुणवत्ता विहीन पुल निर्माण में नियमों और मापदंडों के अनुरूप कार्य नहीं किया जा रहा है। सीमेंट में मिट्टी युक्त नाले की रेत मिलाने से गुणवत्ता में भारी कमी आ रही है। जिससे आने वाले समय में पुल कितना मजबूत होगा कह पाना मुश्किल है। हालांकि इस पूरे कारनामे या भ्रष्टाचार के इस खेल में कोई ग्राम पंचायत भर जिम्मेदार नहीं बल्कि कार्य स्वीकृत होने से लेकर निर्माण के अंतिम भुगतान तक सभी का कमीशन तय किया जाता है।
इन्ही सब हालातों को देखने के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने ग्रामीण इलाकों का दौरा करने का प्रोग्राम बनाया है। जिसके बाद जैसे ही यह खबर लोंगों को पता चली है लोग चौकन्ने हो गए है।ज्यादातर ग्रामीण इलाके में ग्राम पंचायतो के जिम्मेदार परेशान है कि कहीं कलेक्टर की नजर उनके द्वारा किये काले-पीले कारनामों पर न पड़ जाए नही तो किसी की खैर नही।
(मिट्टी युक्त रेत पटपर)
बता दे कि जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव इसके पहले जिला स्वास्थ्य विभाग, आदिम जाति कल्याण,सहकारी समितियां,नगरपालिकाओं सहित अन्य विभागों में नकेल कसने का काम किया है। और इस बीच जो भी दोषी या गड़बड़ी करते पाया गया है उस पर बिना किसी दबाव के कार्यवाही की गई है।कितनों पर एफआईआर कराकर जेल भेजा गया है। जिसके बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव अब ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा शुरू करने वाले है। जिसके बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि ग्राम पंचायतों की स्थिति में सुधार होने के साथ जो गड़बड़ियां करते या भ्रटाचार,कमीशनखोरी में लिप्त पाया जाएगा उस पर कार्यवाही होना तय है। हालांकि कलेक्टर का फोकस अमृत सरोवर के तहत कराए जा रहे कार्यों पर ज्यादा रहेगा बावजूद इसके वे ग्रामीण इलाकों किये जा रहे निर्माण कार्य सहित अन्य कार्यो हितग्राही मुलक कार्य, पीएम आवास, स्वच्छता अभियान के कार्यो का भी निरीक्षण करेंगे।