शिवराज कैबिनेट का फैसला: 2 मई से लाडली लक्ष्मी उत्सव, 43 लाख है लाडली बेटियां, सीएम शिवराज के साथ मंत्री मीना सिंह मौजूद

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पचमढ़ी (संवाद)। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियाँ अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया।

राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री श्री विश्वास सारंग, सुश्री मीना सिंह मांडवे, श्री कमल पटेल, सुश्री उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया।

समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव

  • लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए।

  • नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो।

  • योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे।

  • योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए।

अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव

मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, श्री विश्वास सारंग, श्री ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं।

बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।

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