BJP विधायक संजय पाठक ने की बड़ी घोषणा,नहीं लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव

Editor in cheif
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कटनी (संवाद)। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव कुछ ही महीने बाद नवंबर में होने जा रहे हैं जिसमें प्रदेश की प्रमुख पार्टियां प्रत्याशी के चयन को लेकर दी विचार-विमर्श शुरू कर दिया है इस बीच कटनी जिले के विजयराघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन बीजेपी विधायक संजय पाठक ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित जन समुदाय के सामने मंच से घोषणा की है कि वह आगामी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका मानना है कि वह एक बार घर-घर सर्वे कराएंगे, सर्वे में अगर उन्हें 51% लोंगो के द्वारा चुनाव लड़ने के लिए कहा जाता है तभी वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। अन्यथा वह चुनाव से बाहर हो जाएंगे।

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कटनी (संवाद)। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव कुछ ही महीने बाद नवंबर में होने जा रहे हैं जिसमें प्रदेश की प्रमुख पार्टियां प्रत्याशी के चयन को लेकर दी विचार-विमर्श शुरू कर दिया है इस बीच कटनी जिले के विजयराघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन बीजेपी विधायक संजय पाठक ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित जन समुदाय के सामने मंच से घोषणा की है कि वह आगामी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका मानना है कि वह एक बार घर-घर सर्वे कराएंगे, सर्वे में अगर उन्हें 51% लोंगो के द्वारा चुनाव लड़ने के लिए कहा जाता है तभी वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। अन्यथा वह चुनाव से बाहर हो जाएंगे।दरअसल विधानसभा चुनाव के पूर्व कई संस्थाओं के द्वारा विधायकों को रिपोर्ट कार्ड के अनुसार और मतदाताओं के अनुसार सर्वे कराए जा रहे हैं सर्वे में फिलहाल बीजेपी को सत्ता से बाहर तो वही कांग्रेस पार्टी को सत्ता के नजदीक बताया जा रहा है। प्रदेश के सत्तासीन पार्टी के कई विधायकों की हालत भी बहुत ही खराब बताई जा रही है। शायद यही वजह है कि मौजूदा विधायक डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि कहीं इस बार के चुनाव में उन्हें मात ना खानी पड़ जाए।इसके बावजूद भी कई विधायक कई संस्थाओं से आए सर्वे को गंभीरता से लिया है और वह पहले से ही अपने क्षेत्र और संभालने और मतदाताओं के लगातार संपर्क में रहना शुरू कर दिए हैं। विधायक संजय पाठक भी इसी क्रम में वह है बीते कुछ महीनों से लगातार क्षेत्र में विकास का पिटारा खोल दिए हैं। इतना ही नहीं वह लगातार क्षेत्र के तमाम लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं और क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।इसीलिए विधायक संजय पाठक के द्वारा विकास  पर्व के दौरान एक कार्यक्रम के दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए उनको यह कहना पड़ गया कि वह इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह पूरे विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक घरों में एक पर्ची भेजेंगे और रिप्लाई के तौर पर पर्ची को जांचने के बाद ही वह इस बात का निर्णय ले सकेंगे कि उन्हें विजयराघौगढ़ क्षेत्र से चुनाव लड़ना है कि नहीं। उन्होंने बताया कि मतदाताओं के घर भेजी गई पर्ची से आम जनता का जो भी रिप्लाई आएगा उसमें वह 51% से ज्यादा लोगों के द्वारा चुनाव लड़ने की राय पर ही वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। 51% से कम राय आने पर वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे।

दरअसल विधानसभा चुनाव के पूर्व कई संस्थाओं के द्वारा विधायकों को रिपोर्ट कार्ड के अनुसार और मतदाताओं के अनुसार सर्वे कराए जा रहे हैं सर्वे में फिलहाल बीजेपी को सत्ता से बाहर तो वही कांग्रेस पार्टी को सत्ता के नजदीक बताया जा रहा है। प्रदेश के सत्तासीन पार्टी के कई विधायकों की हालत भी बहुत ही खराब बताई जा रही है। शायद यही वजह है कि मौजूदा विधायक डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि कहीं इस बार के चुनाव में उन्हें मात ना खानी पड़ जाए।

इसके बावजूद भी कई विधायक कई संस्थाओं से आए सर्वे को गंभीरता से लिया है और वह पहले से ही अपने क्षेत्र और संभालने और मतदाताओं के लगातार संपर्क में रहना शुरू कर दिए हैं। विधायक संजय पाठक भी इसी क्रम में वह है बीते कुछ महीनों से लगातार क्षेत्र में विकास का पिटारा खोल दिए हैं। इतना ही नहीं वह लगातार क्षेत्र के तमाम लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं और क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

इसीलिए विधायक संजय पाठक के द्वारा विकास  पर्व के दौरान एक कार्यक्रम के दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए उनको यह कहना पड़ गया कि वह इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह पूरे विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक घरों में एक पर्ची भेजेंगे और रिप्लाई के तौर पर पर्ची को जांचने के बाद ही वह इस बात का निर्णय ले सकेंगे कि उन्हें विजयराघौगढ़ क्षेत्र से चुनाव लड़ना है कि नहीं। उन्होंने बताया कि मतदाताओं के घर भेजी गई पर्ची से आम जनता का जो भी रिप्लाई आएगा उसमें वह 51% से ज्यादा लोगों के द्वारा चुनाव लड़ने की राय पर ही वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। 51% से कम राय आने पर वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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