विधायक और सांसद पतियों के बीच विवाद का मामला थमा भी नही था कि किसी लड़की को लेकर मेडिकल कालेज में दो पक्षो में जमकर चले लाठी और डंडे

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शहडोल (संवाद)। जिले के जैतपुर विधानसभा में शिलान्यास के पत्थर में नाम नहीं लिखे जाने के कारण विधायक पति और सांसद पति के बीच विवाद को लेकर आज दिन भर जिला मुख्यालय में गहमागहमी रही है। वहीं यह मामला शांत भी नहीं हुआ था की देर रात्रि मेडिकल कॉलेज में किसी लड़की को लेकर दो पक्षों में जमकर गाली-गलौज और लाठी-डंडे चलने की खबर है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जैतपुर विधानसभा में निर्माण कार्य के शिलान्यास में लगने वाले पत्थर को लेकर विधायक पति और सांसद पति के बीच विवाद गहराया रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत विधानसभा जैतपुर में किसी कार्य में शिलान्यास का पत्थर लगाया जाना था। जिसमें विधायक जैतपुर के पति के द्वारा सांसद के नाम का उल्लेख किये जाने का विरोध किया जा रहा था। तो वहीं सांसद पति के द्वारा शिलान्यास के पत्थर में सांसद का नाम दर्ज कराने की बात कही जा रही थी। इसी बात को लेकर दोनों लोंगो और उनके समर्थकों में आज दिन भर गहमागहमी का माहौल बना रहा है। बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से सांसद और विधायक के बीच तनातनी का माहौल देखा जा रहा था, और यही वजह है कि लोक निर्माण विभाग के कार्य में लगने वाले पत्थर में नाम दर्ज कराने के वर्चस्व को लेकर विधायक मनीषा सिंह के पति और सांसद हिमान्द्री सिंह के पति एक दूसरे का विरोध करते नजर आए।

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शहडोल (संवाद)। जिले के जैतपुर विधानसभा में शिलान्यास के पत्थर में नाम नहीं लिखे जाने के कारण विधायक पति और सांसद पति के बीच विवाद को लेकर आज दिन भर जिला मुख्यालय में गहमागहमी रही है। वहीं यह मामला शांत भी नहीं हुआ था की देर रात्रि मेडिकल कॉलेज में किसी लड़की को लेकर दो पक्षों में जमकर गाली-गलौज और लाठी-डंडे चलने की खबर है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जैतपुर विधानसभा में निर्माण कार्य के शिलान्यास में लगने वाले पत्थर को लेकर विधायक पति और सांसद पति के बीच विवाद गहराया रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत विधानसभा जैतपुर में किसी कार्य में शिलान्यास का पत्थर लगाया जाना था। जिसमें विधायक जैतपुर के पति के द्वारा सांसद के नाम का उल्लेख किये जाने का विरोध किया जा रहा था। तो वहीं सांसद पति के द्वारा शिलान्यास के पत्थर में सांसद का नाम दर्ज कराने की बात कही जा रही थी। इसी बात को लेकर दोनों लोंगो और उनके समर्थकों में आज दिन भर गहमागहमी का माहौल बना रहा है। बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से सांसद और विधायक के बीच तनातनी का माहौल देखा जा रहा था, और यही वजह है कि लोक निर्माण विभाग के कार्य में लगने वाले पत्थर में नाम दर्ज कराने के वर्चस्व को लेकर विधायक मनीषा सिंह के पति और सांसद हिमान्द्री सिंह के पति एक दूसरे का विरोध करते नजर आए।विधायक और सांसद पतियों के बीच शिलान्यास के पत्थर में नाम लिखे जाने का विवाद थमा भी नहीं था कि जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज में किसी लड़की को लेकर विवाद गहरा गया। इस संबंध में बताया गया कि मेडिकल कॉलेज में देर रात्रि अचानक हंगामा मच गया। इस दौरान दो गुटों के बीच जमकर गाली-गलौज, नारेबाजी और लाठी-डंडे भी चलने की खबर मिली है। तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सैकड़ों की तादाद में किस कदर लोग मेडिकल कालेज परिसर में जमा है और एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक एक दूसरे को धक्का-मुक्की करते हुए दिखाई दे रहे है। हालांकि विवाद का कारण क्या था और आखिर उस लड़की के कारण दो पक्षों में विवाद क्यों हुआ है इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। लेकिन तस्वीरों में जिस तरह सैकड़ों की तादाद में लोग मेडिकल कॉलेज परिसर में पहुंचे हुए हैं, जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति गंभीर है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस बात का पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर विवाद की असली वजह क्या थी।
विधायक और सांसद पतियों के बीच शिलान्यास के पत्थर में नाम लिखे जाने का विवाद थमा भी नहीं था कि जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज में किसी लड़की को लेकर विवाद गहरा गया। इस संबंध में बताया गया कि मेडिकल कॉलेज में देर रात्रि अचानक हंगामा मच गया। इस दौरान दो गुटों के बीच जमकर गाली-गलौज, नारेबाजी और लाठी-डंडे भी चलने की खबर मिली है। तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सैकड़ों की तादाद में किस कदर लोग मेडिकल कालेज परिसर में जमा है और एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक एक दूसरे को धक्का-मुक्की करते हुए दिखाई दे रहे है। हालांकि विवाद का कारण क्या था और आखिर उस लड़की के कारण दो पक्षों में विवाद क्यों हुआ है इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। लेकिन तस्वीरों में जिस तरह सैकड़ों की तादाद में लोग मेडिकल कॉलेज परिसर में पहुंचे हुए हैं, जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति गंभीर है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस बात का पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर विवाद की असली वजह क्या थी।
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