वार्ड परिक्रमा: वार्ड नंबर 10 के हुए दो टुकड़े, एक इधर गिरा एक उधर गिरा,जानिए क्या थी पुराने कैम्प की खासियत

Editor in cheif
8 Min Read
कौशल विश्वकर्मा, एडिटर इन चीफ 9893833342।
उमरिया (संवाद)। भले ही नए परिसीमन के बाद पुराना वार्ड नंबर 10 के दो टुकड़े कर दिए गए हो, लेकिन यहां के लोग आज भी एक मोहल्ले और एक परिवार की तरह रहा करते हैं। वैसे भी पहले वार्ड नंबर 10 सिर्फ कागजों पर ही चलता था जबकि यह पूरा क्षेत्र कैम्प के नाम से मशहूर था। एक समय था जब इस पूरे कैम्प के लोग एक परिवार की तरह रहा करते थे। कोई किसी भी धर्म और जाति का हो, एक आवाज पर पूरे मोहल्ले के लोग एक साथ खड़े हो जाते थे। इसके कई उदाहरण भी उस देखे जाते रहे है। तब उस समय इस वार्ड 10 के पार्षद मेंहदी हसन हुआ करते थे, लेकिन वे पार्षद कम और इस पूरे क्षेत्र कैम्प के मुखिया के रूप में ज्यादा थे। कोई भी किसी तरह का काम हो, सामाजिक, आर्थिक और हर धर्म के धार्मिक कार्यक्रम मे वे एक परिवार के सदस्य की तरह अपनी भूमिका निभाते थे उनके किसी भी निर्णय और किसी भी फैसले को यहां लोग बिना सवाल किए मान लेते थे, और यह बानगी लगभग 2 दशक तक इस पूरे कैंप में देखी जाती रही है। 
जिसके बाद समय बदला और बदलते समय के साथ नई पीढ़ी में भी बदलाव शुरू हुआ। राजनीति के मायने बदल गए, लोग एक दूसरे से ईर्ष्या करने लगे, लोंगो के मतभेद, मनभेद में बदलने लगे। जिससे अब ऐसे हालात हो गए हैं कि यकीन नहीं होता कि क्या यह वही कैम्प मोहल्ला है जो एक दशक पहले था जिसकी धाक और एकता की मिसाल पूरे शहर और जिले में जानी जाती थी। हालांकि आज भी जो पहले उस समय के लोग है उनके बीच कहीं न कहीं प्रेम पहले की तरह व्याप्त है।

पुराने वार्ड नंबर 10 से बने वार्ड 14,15 की भौगोलिक स्थिति

 

नए परिसीमन में पुराने वार्ड नंबर 10 कैम्प को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है। जिससे अब यह वार्ड नंबर 14 जिसे महाराणा प्रताप वार्ड के नाम से जाना जाता है। वही दूसरा हिस्सा अब वार्ड नंबर 15 बन गया है, जिसे पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जाना जाता है।
सबसे पहले वार्ड नंबर 14 महाराणा प्रताप सिंह वार्ड की बात करें तो यह वार्ड खलेसर रोड स्थित सलाम साइकिल की दुकान से खलेसर पुल के इसी पार तक मुख्य सड़क में आता है। वहीं से अंदर का एरिया और शिव टॉकीज के दोनों तरफ से होता हुआ ज्ञानोदय स्कूल का एरिया, टॉकीज के पीछे हरिजन बस्ती, वही सामने की तरफ से सुदर्शन पान वाले की दुकान के पीछे उमरार नदी तक आता है। वही दाहिने हिस्से में अफसर अली के घर तक और कैम्प मस्जिद से पूरा पीछे का क्षेत्र शामिल है। इस वार्ड के कुल मतदाता संख्या 1121 है।
वहीं वार्ड नंबर 15 पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बात करें तो यह वार्ड सिंधी धर्मशाला के पास टिक्कू चाय वाले की दुकान से लेकर मुख्य सड़क से होता हुआ खेमचंद किराना, काली मंदिर, हरीदीन गुप्ता के मकान होते हुए खलेसर रोड स्थित लाल जी गुप्ता के घर तक शामिल है। वहीं इसके पीछे के हिस्से की बात करें तो लाल जी गुप्ता के पीछे से सड़क होकर कैम्प इमली के पेड़ के पास से दाहिने से शिव टॉकीज के पास हीरालाल बैरागी के घर से लेकर उमाकांत द्विवेदी के घर तक और वहीं से ऊपर आते हुए बाये से टिक्कू चाय वाला की दुकान तक शामिल है।

कैसा रहा वार्ड का राजनीतिक परिदृश्य 

परिसीमन से पहले वार्ड नंबर 10 कैम्प के रूप में बात करें तो यह वार्ड कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है। 1997-98 में हुए इस वार्ड के पार्षद चुनाव में मेहंदी हसन की पत्नी श्रीमती सदरून निशा ने कांग्रेस पार्टी से जीत हासिल की थी।
इसके बाद 2002-03 में स्वयं मेहंदी हसन ने चुनाव लड़ा और कांग्रेस पार्टी से पार्षद चुने गए। वहीं इसके पहले भी यह वार्ड कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है,और मेहंदी हसन पार्षद चुने जाते रहे हैं।
चूंकि 2003 के विधानसभा में सरकार बदली और कांग्रेस को हराकर भाजपा की सरकार प्रदेश में बनी थी, जिसके बाद मध्यप्रदेश के साथ स्थानीय स्तर के चुनाव पर भी प्रदेश के साथ वार्डों की तस्वीर बदलने लगी और पहली बार 2007-08 में भाजपा से पार्षद पद की उम्मीदवार रही श्रीमती शैलजा राय ने शानदार जीत हासिल करते हुए इस वार्ड 10 से कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त कर दिया।
इसके बाद 2013 में जब नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में श्रीमती कंचन खट्टर विराजमान हुई तब यहां से सुनील खटीक भाजपा से पार्षद चुने गए थे।

जातिगत समीकरण बना फैक्टर 

नए परिसीमन के बाद पुराने वार्ड नंबर 10 को काफी उलट-पुलट कर दिया गया है। वर्तमान में वार्ड नंबर 14 की बात करें तो इस वार्ड में मुख्य रूप से मुस्लिम वर्ग के लोगों की संख्या बहुतायत में है। वही हरिजन बस्ती भी इसी वार्ड में शामिल है जिसकी संख्या 150 के आसपास है। इसी प्रकार सिंधी समाज की संख्या 100 के करीब है। इसके अलावा यहां पर सर्वहारा वर्ग के लोग शामिल हैं।
वहीं वार्ड नंबर 15 की बात करें तो इस वार्ड में सिंधी समाज, खटीक, बर्मन, कोटवार और आदिवासी समाज के लोग मुख्य रूप से शामिल हैं। वहीं अन्य सभी समाज के लोग निवासरत हैं।

कैसा रहेगा इस बार के चुनाव का राजनीतिक परिदृश्य

वार्ड नंबर 14 महाराणा प्रताप वार्ड की बात करें तो यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस की बीच रहेगा। इस बार के चुनाव में भाजपा से हरिजन, दलित नेता विष्णु भारती है तो वहीं कांग्रेस से एडवोकेट नासिर अंसारी चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा एक अन्य मोहम्मद हामिद अंसारी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में है।
वहीं वार्ड नंबर 15 की बात करें तो यहां पर पहले मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच से रहा करता था। लेकिन इस बार भाजपा पार्टी से बागी होकर राजाराम हरवानी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं। वहीं इस बार भाजपा से श्रीमती शैलजा राय और कांग्रेस से अयोध्या (अशोक) गौटिया चुनावी मैदान में है।इसके अलावा आम आदमी पार्टी से राकेश प्रताप सिंह और सौरभ तिवारी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं।

निर्दलीय बिगाड़ेंगे चुनावी समीकरण 

वार्ड नंबर 14 की बात करें तो यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के मध्य होगा, लेकिन मोहम्मद हामिद अंसारी के निर्दलीय खड़े हो जाने से कुछ वोटों की खींचतान जरूर होगी।
वही वार्ड नंबर 15 की बात करें तो यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं हालांकि यह वार्ड हमेशा से भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है, लेकिन इस बार भाजपा से बागी होकर राजाराम हरवानी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं और उनका इस वार्ड में काफी दखल भी है। इसलिए यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं।
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *