कौशल विश्वकर्मा, एडिटर इन चीफ। 9893833342
उमरिया (संवाद)। नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर नगर पालिका परिषद उमरिया में नए परिसीमन के बाद पहली बार बनाए गए 24 वार्डों में चुनाव कराया जा रहा है। इसी को लेकर पंचायती संवाद के द्वारा पूरे 24 वार्डों का वार्ड परिक्रमा के नाम से वार्डों की भौगोलिक स्थिति और बीते 15 वर्षों से लेकर अभी तक के वार्डों की चुनावी समीकरण और पृष्ठभूमि कैसे रही है। इसके अलावा अब नए परिसीमन से हो रहे नगर पालिका चुनाव में किस तरह के नए समीकरण बनेंगे, इसे लेकर एक विश्लेषण का प्रयास किया गया है। आशा है हमारी कोशिश लोगों की स्वच्छ मानसिकता और सोच के सटीक साबित होगी। इसके अलावा जिनको भी इससे जुड़ी नई, पुरानी जानकारी साझा करनी हो तो वे कर सकते हैं।
वार्ड नंबर 16 की भौगोलिक स्थिति
नए परिसीमन के बाद बनाए गए वार्ड नंबर 16 बाबा फूल सिंह वार्ड के नाम से जाना जाता है। इसके पहले यह वार्ड नगर पालिका का वार्ड नंबर 11 हुआ करता था। यह वार्ड काफी बड़ा वार्ड होने के कारण इसे विभाजित किया गया है, जिसमें अब यह वार्ड 16 के नाम से जाना जाता है। यह वार्ड सिंधी धर्मशाला के बगल में मोहम्मद ग्यास अंसारी के घर से लेकर मुख्य सड़क के बाईं तरफ से होकर जयस्तंभ चौक स्थित के के गुप्ता की दुकान तक जाता है। इस वार्ड के पीछे का हिस्सा भी इसी एरिया के पीछे तक जाता है जिसमें चंद्र प्रकाश दुबे के घर से होकर झिरिया मोहल्ला रोड का दाहिना हिस्सा से होकर हनुमान मंदिर होते हुए ऊपर की तरफ दाहिने से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का कुछ हिस्सा, राजेश मिश्रा के घर होते हुए वहीं के के गुप्ता के निवास और दुकान से जुड़ता है।
नए परिसीमन के बाद इस वार्ड नंबर 16 के मतदाताओं की कुल संख्या 814 है, जिसमें पुरुष और महिलाओं की संख्या बराबर-बराबर 407-407 है। जातिगत समीकरण की बात करें तो इस वार्ड में मुस्लिम वर्ग की संख्या 200 के पार है। इसके अलावा यह ब्राह्मण बहुल वार्ड भी है। वही सिंधी वोटरों की संख्या भी आधा सैकड़ा के आसपास है। इसके अलावा सर्वहारा वर्ग और शिक्षित लोगों का यह वार्ड माना जाता है।
इस वार्ड का बीते 15 सालों का कैसा रहा राजनीतिक परिदृश्य
परिसीमन के पहले वार्ड नंबर 11 के रूप में यह वार्ड काफी बड़ा था जिसमें 15 से 18 सौ के आसपास मतदाता मौजूद थे। सन 2002-03 के नगर पालिका चुनाव में नगरपालिका में पूर्व विधायक नरेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी रुक्मणी सिंह अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुई थी।उस समय इस वार्ड से भारतीय जनता पार्टी के पार्षद पद के प्रत्याशी किशोर चौरसिया ने जीत हासिल की थी, उस समय पर नगरपालिका के 15 वार्डों में से सिर्फ 2 सीट में ही भाजपा अपने प्रत्याशियों को जिता पाई थी।
वही 2007-08 की बात करें तो तब भी इस वार्ड से भाजपा के पार्षद पद के उम्मीदवार श्रीमती सुधा द्विवेदी ने जीत हासिल की थी, और 15 वार्डों में भाजपा के कुल 6 पार्षद ही जीत पाए थे। इस बार पूर्व विधायक नरेंद्र प्रताप सिंह अध्यक्ष पद पर विराजमान हुए थे।
इसके अलावा बीते कार्यकाल 2012-13 में नगर पालिका चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत और रणनीति से चुनाव लड़ा जिसमें भाजपा के अध्यक्ष पद पर श्रीमती कंचन खट्टर ने शानदार जीत हासिल की थी। इसके अलावा 15 वार्डों में 5 वार्डो में कांग्रेस और 8 वार्डों में भाजपा के पार्षद विजयी हुए थे।इसके अलावा 1 बहुजन और 1 निर्दलीय पार्षद जीते थे। वही इस वार्ड से पार्षद पर भाजपा की श्रीमती सविता सोंधिया ने जीत हासिल की थी।
इस बार के चुनाव में क्या होगी वार्ड की स्थिति
नए परिसीमन से हो रहे चुनाव में इस वार्ड का कुछ हिस्सा दूसरे वार्ड में जोड़ा गया है। जिसके बाद राजनीतिक समीकरण भी बदलने के आसार हैं।लेकिन पूर्व के 15 वर्षों के नतीजो के लिहाज से बात करें तो यह वार्ड भाजपा के लिए अच्छा रहा है। क्योंकि लगातार तीन बार से यहां से भाजपा का पार्षद जीत रहे थे इस कारण से भी यह वार्ड भाजपा के लिए समर्थन वाला वार्ड माना जा रहा है। लेकिन वार्ड के बदले परिदृश्य में राजनीति में भी उलट-पुलट की संभावना है।
निर्दलीय बिगाड़ेगे राजनीतिक समीकरण
वार्ड नंबर 16 के पार्षद चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता रहा है। जिसके बाद इस बार भाजपा से श्रीमती कुमकुम/दीपक छतवानी और कांग्रेस से फरीदा/इदरीश खान चुनावी मैदान में हैं। वहीं पार्टी के किसी चूक या नाराजगी की वजह से भाजपा के कद्दावर माने जाने वाली श्रीमती सुधा द्विवेदी की बहू रश्मि द्विवेदी निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। इसके अलावा नीलम/राजेश मिश्रा, विभा सिंह और कृष्णा अहूजा भी निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में हैं। इस पूरे घटनाक्रम से जहां भाजपा नेत्री सुधा द्विवेदी की बहू रश्मि निर्दलीय रूप में है वहीं अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी दोनों पार्टियों का समीकरण बिगाड़ रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि इन निर्दलीयों से किस पार्टी को कितना नुकसान होगा यह चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चल पाएगा।
भाजपा ने बड़े जोर शोर से शुरू किया चुनाव प्रचार
बीते 22 जून को चुनाव चिन्ह के आवंटन के बाद 23 जून से प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार अभियान प्रारंभ कर दिया है। सभी प्रत्याशी अपने-अपने तरीकों से अपने-अपने वार्डों में प्रचार कर रहे हैं। इस बीच वार्ड नंबर 16 से भाजपा की अधिकृत उम्मीदवार कुमकुम/दीपक छतवानी ने अपने प्रचार को काफी तेजी और जोर शोर से आगे बढ़ा रही हैं। वह अपने वार्ड के समर्थकों के साथ वार्ड के मतदाताओं के घर-घर जाकर मतदाताओं से अपने पक्ष में समर्थन जुटाने का प्रयास कर रही हैं। इस बीच उनके साथ वार्डवासियों के अलावा भाजपा के नगर पदाधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। वहीं अन्य उम्मीदवार भी अपने अपने तरीके से लोगों के घर पहुंच कर उनका समर्थन लेने के प्रयास में है।
बहरहाल राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार और निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अपने-अपने चुनाव प्रचार को धीरे धीरे तेज करते दिखाई दे रहे हैं। रही बात राजनीतिक समीकरण की तो मतदान के नजदीक आते-आते समीकरण कई बार बनेंगे और बिगड़ेंगे। देखना होगा अंतिम समय में किस प्रत्याशी या किस राजनीतिक दल को मतदाता अपना समर्थन देते हैं।