– कलेक्टर ने किया था ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का नामांकन फार्म निरस्त
उमरिया (संवाद)। नगरीय निकाय चुनाव के तहत नगरपालिका उमरिया में सम्पन्न हुए चुनाव के बाद कोर्ट जाने की चर्चा लगातार पूरे शहर में सुर्खियां बना हुआ है। वहीं अब नगरपालिका के वार्ड नंबर 7 और 23 में कोर्ट की कार्यवाही प्रारम्भ हो गई है। नगरपालिका उमरिया का चुनाव और मतगणना उपरांत से ही पूरे शहर में वार्ड नंबर 7 और 23 में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के द्वारा उनके फार्म को कलेक्टर के द्वारा निरस्त किये जाने को लेकर कोर्ट जाने की चर्चा जोरों पर रही है।
जिसके बाद ओबीसी वर्ग महिला के लिए आरक्षित वार्ड नंबर 7 की अभ्यर्थी रही श्रीमती कुमकुम/दीपक छतवानी और ओबीसी पुरुष के लिए आरक्षित वार्ड नंबर 23 से अभ्यर्थी रहे राजन खट्टर का नाम निर्देशन पत्र को जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि इन अभ्यर्थियों का जाति प्रमाण पत्र मध्यप्रदेश शासन के निर्धारित प्रपत्र (फार्मेट) में नही है।
जिसके बाद चुनाव सम्पन्न होने के बाद जिला सत्र न्यायालय में कुमकुम खट्टर और राजन खट्टर के वकील शंभूलाल खट्टर के द्वारा इस बावत एक याचिका दायर की गई थी।जिसके बाद माननीय न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए संबंधितों को 3 अगस्त की तारीख़ सुनवाई और साक्ष्य के लिए आदेशित किया था।
वहीं 3 अगस्त को जिला सत्र न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश माननीय आर एस कन्नौजिया के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से मामले में बहस की गई और संबंधित साक्ष्य पेश किए गए। वहीं शासन की ओर से भी पक्ष रखा गया है।मामले की पूरी सुनवाई होने के बाद माननीय न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 6 अगस्त को फैसला सुनाने के लिए नियत किया गया है। याचिकाकर्ताओं के द्वारा माननीय न्यायालय से इन दो वार्डों के विजयी पार्षदों को आगामी होने वाले अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग नही करने के लिए स्थगन आदेश देने का आग्रह किया है।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान भारी गहमा गहमी रही है कोर्ट के ज्यादातर वकील और भाजपा, कांग्रेस के राजनैतिक लोग मौजूद रहे है। इस दौरान वार्ड 23 के विजयी पार्षद अवधेश राय और वार्ड 7 के विजयी पार्षद के पति मौजूद रहे है।
इसके अलावा वार्ड नंबर 7 में इसी तरह के मामले में श्रीमती जानकी खट्टर ने हाईकोर्ट जबलपुर में एक याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डायरेक्शन दिया है कि इस मामले की सुनवाई जिला कोर्ट करे और 6 माह के भीतर निराकरण किया जाए। जिसके बाद श्रीमती जानकी खट्टर की भी याचिका उमरिया के जिला सत्र न्यायालय में पेश की गई है।