एमपी (संवाद)।एमपी में विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ महीने ही शेष रह गए है।प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां जी तोड़ मेहनत कर रही है।इस बीच बीते दिनों राष्टीय स्वयं सेवक संघ के द्वारा प्रदेश भर में कराए गए गोपनीय सर्वे में बीजेपी को सत्ता से बाहर बताया है।वहीं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते हुए बताया गया है।इसी RSS के सर्वे के कारण कांग्रेस पार्टी इस बार संतुष्ट नजर आ रही है ना की अपने बलबूते? वहीं संघ के इस सर्वे से पूरी बीजेपी में हलाकान मचा हुआ है। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर मध्य प्रदेश भाजपा में खलबली मची हुई है। राष्ट्रीय नेतृत्व कई बार प्रदेश की सत्ता सम्हाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को और संगठन में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर चुकी है। तो वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार की योजनाओं के माध्यम से पूरे प्रदेश में माहौल बनाने में लगे हैं फिर भी उनका हर दांव उल्टा ही पड़ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि आरएसएस के सर्वे से भाजपा में हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में वापसी कर रही है। जबकि पार्टी और आरएसएस के विभिन्न सर्वे में पार्टी को 60 से भी कम सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही हैं।
प्रदेश में भ्रष्टाचार बनी बड़ी वजह
मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार और उसके मुखिया शिवराज सिंह चौहान के द्वारा प्रदेशभर की आम जनता के लिए अनेकों योजनाएं बनाकर उनके कल्याण का कार्य करने में लगी है। लेकिन आखिर क्या वजह है कि प्रदेश का माहौल उनके खिलाफ दिखाई दे रहा है। इसमें सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार रहा है। बीते 18 सालों से सत्ता में रहे बीजेपी और उसके नेताओं के द्वारा पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार, घूसखोरी और कमीशन बाजी की हद पार कर चुके है। वही शिवराज सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं धरी की धरी रह गई। उनके नेता और अधिकारी भ्रष्टाचार में इस कदर डूबे रहे कि आम जनता अपने कामों और दुख तकलीफों को लेकर चिल्लाती रही लेकिन उनके नेता जनप्रतिनिधिगण इतने भ्रष्टाचार में और कमीशन खोरी में इतने मदहोश रहे कि उन्हें उनका असली काम नजर नहीं आया। यही वजह है कि आज आरएस एस के सर्वे में भाजपा को सत्ता से दूर दिखाया जा रहा है वही कांग्रेस पार्टी अपने आप बगैर किसी मेहनत के सत्ता के नजदीक दिखाई दे रही है।
संगठन में गुटबाजी से कार्यकर्ता मायूस
अपने आप को कार्यकर्ता आधारित संगठन कहने वाली भाजपा मैं आज कार्यकर्ता ही मायूस नजर आ रहे हैं कारण यह कि अब प्रदेश में असली भाजपा और नकली भाजपा में जंग छिड़ी हुई है। कुछ इलाकों में वरिष्ठ काडर बीजेपी नेतागण नई बीजेपी से परेशान है उपेक्षित है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसे बनी भाजपा सरकार बनने के बाद कई क्षेत्रों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। वही सिंधिया गुट के नेताओं के द्वारा अपना बर्चस्व जमाने जानबूझकर उन्हें दरकिनार किया जाता रहा है। बीते दो-तीन साल से प्रदेश की भाजपा संगठन में जो माहौल निर्मित हुआ, नई भाजपा के रूप में लोगों ने भाजपा के वरिष्ठ और काडर नेताओं की पूछ परख करना भी बंद कर दिया। इस समय जो हालात संगठन में दिखाई दे रहे हैं उसमें कहीं भी एकजुटता नहीं रही। यही दूसरी बड़ी वजह रही है। भाजपा संगठन के दम पर ही सत्ता में आती रही है अब जब संगठन में बिखराव और गुटबाजी चरम पर है तो फिर सत्ता में कैसे आ सकती हैं।
लाडली बहना योजना के सहारे शिवराज
मध्यप्रदेश में चारों तरफ से जोर मारने पर भी बीजेपी सत्ता में वापसी करते कहीं से दिखाई नहीं दे रही है। 30 मई से 30 जून तक चलाये जा रहे अभियान में सरकार की अनेकों योजनाओं के माध्यम से आम जनता को लाभ पहुंचाने और उनके बीच पहुंचकर उनकी जरूरतों के अनुसार काम किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के माध्यम से लाभान्वित महिलाओं पर पूरा भरोसा हैं। 10 जून से मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के माध्यम से प्रदेशभर की पत्र
महिलाओं को 1 हजार रुपये देने की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। 10 जून को सीएम शिवराज सिंह चौहान के द्वारा सिंगल क्लिक से महिलाओं के खाते में ₹1000 पहुंचेंगे। इसी के साथ महिलाओं के फीडबैक के अनुसार यह कयास सामने आ सकते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह किसके साथ हैं। हालांकि सरकार को पूरा भरोसा है कि मात्र यही एक योजना है जिससे बीजेपी सत्ता में वापसी कर सकती है।