यहां जानिए,कमिश्नर राजीव शर्मा और कलेक्टर वंदना वैद्य की कही गई बात को,जिसे लोग अक्षरशः मान रहे

Editor in cheif
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What did Shahdol division commissioner Rajeev Sharma and district collector Vandana Vaidya tell the people that people are ready to accept it without any delay. However, two separate appeals have been made by both the officers to all the people regarding their health. In which it was told that early marriage or child marriage is the main reason for women becoming anemic and increasing the mortality rate. At the same time, information was given to make everyone aware about the danger of the deadly disease malaria and how to prevent it. Due to both these things being related to the health of the human being, people are seen to believe that because the health of themselves and their family is dear to everyone.
शहडोल (संवाद)। शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा और जिले की कलेक्टर वंदना वैद्य ने लोगो से ऐसा क्या कह दिया कि लोग बिना कोई देर किए मानने को तैयार है। हालांकि दोनों अधिकारियों के द्वारा सभी लोंगो से उनके स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण दो अलग-अलग अपील की गई है। जिसमे बताया गया कि कम उम्र में शादी या बाल विवाह होने से महिलाओं के एनीमिक होने और मात्र मृत्यु दर बढ़ने का प्रमुख कारण है। वहीं घातक बीमारी मलेरिया के खतरे को लेकर सभी जागरूक करने और इससे बचाव के बारे में जानकारी दी गई। यह दोनों बाते इंसान के स्वास्थ्य से जुड़े होने के कारण लोग इस बात को मानते दिखाई दे रहे है क्योकि अपना और अपने परिवार का स्वास्थ्य सभी को प्यारा है।
कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने शहडोल संभाग के नागरिको से अपील की है कि शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों की लगभग 45 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी समुदाय की है एवं 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत है । NFHS-5 के आंकड़ों के अनुसार 15 से 44 वर्ष की 50 प्रतिशत से अधिक महिलायें एनीमिक हैं साथ ही संभाग के तीनों जिलों में मातृ मृत्यु दर 350 से अधिक है । महिलाओं के एनीमिक होने एवं मातृ मृत्यु दर का अधिक होने का एक कारण कम आयु में विवाह होना है। अक्षय तृतीया (3 मई 2022 को) पर बाल विवाह होने के संभावना अधिक होती है।
इस स्थिति से निपटने हेतु प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम स्थापित करें जिसमें कोई भी नागरिक बाल विवाह होने की सूचना दे सकता है साथ ही ग्राम विकास खण्ड एवं जिला स्तर पर टीम का गठन किया जाना है। गठित की जाने वाली टीम में स्व-सहायता समूह, शौर्यादल, आंगनबाडी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, पर्यवेक्षक परियोजना अधिकारी एवं अन्य विभागों के ग्राम , विकास खण्ड , जिला स्तर के अधिकारी होंगे। यह समिति बाल विवाह रोकने हेतु प्रचार प्रसार एवं प्रयास करेगी।
कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने विश्व मलेरिया दिवस के अवसर जिले के लोंगो से मलेरिया रोग नियंत्रण हेतु आवश्यक सावधानी बरतने एवं मलेरिया रोकथाम हेतु प्रभावी सहभागिता निभाने की अपील जिले के लोंगो, जनप्रतिनिधियों,  स्वय सेवी संस्थाओं, इलेक्ट्रॉनिक एवं पिं्रट मीडिया से की। उन्होंने मलेरिया के लक्षण एवं उसके बचाव के बारे में लोंगों को जागरूक करने की सलाह दी है जिससे लोग मलेरिया रोग से बच सकें और दूसरों को भी सुरक्षित कर सकें।
उन्होंने कहा कि मलेरिया रोग मादा एनाफ्लिज मच्छर से फैलता से इसके रोकथाम के लिए अपने घर के कूलर का पानी समय-समय पर बदले, गमले, फटे टायर के टुकडों व अन्य रखे गए सामनों में पानी संग्रहित न होने दें, सप्ताह में एक बार साफ-सफाई अवश्य करें साथ ही घर-घर के आसपास जहां पानी जमा है उसकी निकासी करें, मलेरिया का मच्छर गढढों में भरे पानी, नदी के किनारे रूके हुए पानी, हैंडपंप के आसपास रूके हुए पानी में पनपते है, रूके पानी में जला हुआ मोबीऑयल या मिट्टी का तेल डाले, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, नीम की पत्तियों का धुंआ करें, कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है, बुखार आने पर पास के स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर रक्त जांच करावें और चिकित्सक को दिखाकर चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार लें।
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