मेरी पत्नी औरत नहीं मर्द है, सुप्रीम कोर्ट में पति ने लगाई गुहार, जानिए क्या है पूरा मामला

Editor in cheif
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नई दिल्ली (संवाद)। उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली  में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, पति अपनी पत्नी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के लिए याचिका डाली। जिसमें कहा गया है कि उसकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि वह आदमी है उसके जननांग पुरुष के हैं। उसकी ओर से एक मेडिकल रिपोर्ट (Medical Report) पेश की गई जिसमें खुलासा किया गया कि उसकी पत्नी के अपूर्ण हाइमन है।

इम्परफोरेट हाइमन एक जन्मजात विकार है जिसमें बिना खुले हुए हाइमन महिला के जननांग पूरी तरह से बाधित कर देता है। इस शख्स की याचिका पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया। शुक्रवार पति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एनके मोदी ने पीठ को बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत एक आपराधिक अपराध है क्योंकि पत्नी एक पुरुष निकली है। वह एक आदमी है। यह निश्चित रूप से धोखा है। मेडिकल रिपोर्ट देखें।

यह एक ऐसा मामला है जहां मेरे मुवक्किल को एक पुरुष से शादी कर ठगा गया है। वह निश्चित रूप से अपने जननांग के बारे में जानती थी। रिष्ठ वकील जून 2021 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बहस कर रहे थे, जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट के एक आदेश को रद्द कर दिया गया था, जिसने धोखाधड़ी के आरोप का संज्ञान लेने के बाद पत्नी को समन जारी किया था।

एनके मोदी ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त मेडिकल साक्ष्य हैं कि एक अपूर्ण हाइमन के कारण पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता है। इस मामले में अदालत ने पूछा कि क्या आप कह सकते हैं कि वह महिला नहीं है क्योंकि एक अपूर्ण हाइमन है। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके अंडाशय सामान्य हैं। वकील की ओर से जवाब दिया गया कि न केवल ‘पत्नी’ के पास एक छिद्रित हाइमन है बल्कि एक लिंग भी है। एक अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट साफ कहती है कि जब लिंग है तो वह महिला कैसे हो सकती है।

पीठ ने तब मोदी से पूछा, आपका मुवक्किल वास्तव में क्या चाह रहा है। इस पर, मोदी ने कहा कि मुकदमा चलाया जाए और पत्नी को उसके पिता के साथ उसे धोखा देने और उसका जीवन बर्बाद करने के लिए कानून के तहत परिणाम भुगतने चाहिए। पत्नी की ओर से व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए (क्रूरता) के तहत एक आपराधिक मामला भी दर्ज कराया गया है। वकील की ओर से बताया गया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मामला भी लंबित है। पीठ ने तब पत्नी, उसके पिता और मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

Source:agniban

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