मानवता को शर्मसार और सारे दावों व विकास की पोल खोलती यह तश्वीर,जान जोखिम में डाल शव को ट्यूब के सहारे उफनाती नदी से पार करते लोग

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डिंडौरी/अनूपपुर (संवाद)। मानवता को शर्मसार कर देने और सरकारों के सारे दावे व विकास की पोल खोलती यह तश्वीर देखकर किसी का भी कालेज कांप उठेगा, जिसके बाद सिर्फ यह तश्वीर देखकर ही सहज रुप से अंदाजा लगाया जा सकता है की आज भी प्रदेश का आधा से ज्यादा क्षेत्र विकास की बाट जोह रहा है। यह तश्वीर मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले और अनूपपुर जिले की सीमा नर्मदा नदी के तट में बसे गांव की है। जहां नदी में पुल नही होने के कारण लोंगो को ऐसी समस्या से झूझना पड़ रहा है।
एक तरफ पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो वहीं दूसरी तरफ आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसे देख लोंगो का दिल कांप उठेगा।
 
जी हां जहां डिंडोरी जिला चिकित्सालय से मृत घोषित व्यक्ति को सरकारी एम्बुलेंस की मदद से डिंडौरी जिले की सीमा वाले गांव तक भेजा गया, परंतु इस गांव से  दूसरे गांव के बीच नर्मदा नदी पर पुल नही बनने के कारण शव को एम्बुलेंस अपने जिले की सीमा वाले गांव नदी के इस पर तट पर छोड़ दिया। वहीं बारिश के चलते नदी में बाढ़ आई हुई है जिससे नदी पूरे उफान पर है। 
जिसके बाद परिजन और ग्रामीणों के द्वारा मृतक के शव को ट्यूब पर रखकर पानी मे तैरते अपनी जान जोखिम में डालकर शव को गांव लेकर पहुंचे और तब जाकर मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सका।
जानकारी के अनुसार वीडियो अनूपपुर और डिंडोरी जिला के बीच नर्मदा नदी का बताया जा रहा है। जहां अनूपपुर जिला के ग्राम ठाड़पथरा एवं डिंडोरी जिले के बजाग जनपद क्षेत्र की ग्राम पथरकूचा के बीच नर्मदा नदी बहती है। जहां बाढ़ आने से ऐसे हालात बने हुए है।अनूपपुर जिला के ठाड़पथरा निवासी 55 वर्षीय विशमत नंदा को दिल का दौरा पड़ने पर इलाज के लिए नजदीकी डिंडोरी जिला चिकित्सालय में परिजन व ग्रामीण लेकर पहुंचे थे। इस बार भी मरीज को अस्पताल लाते समय भी परिजन अपनी जान को जोखिम में डालकर ट्यूब के सहारे ही उफनाती नदी को पार कर अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद भी परिजन उन्हें बचा नहीं सके। 
जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान रविवार को दोपहर उसने दम तोड़ दिया जिसके बाद सरकारी एम्बुलेंस की मदद से मृतक के पार्थिक शरीर (शव) को बजाग जनपद क्षेत्र के ग्राम पथरकूचा तक लाया गया और सीमा वाले गाँव के पास नदी के तट पर छोड़ दिया गया। जहां से बाढ़ग्रस्त नर्मदा नदी को ट्यूब के सहारे परिजन व ग्रामीण तैरकर गांव ठाड़पथरा लेकर पहुंचे और मृतक विशमत नंदा का अंतिम संस्कार किया गया।
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