महीनों से बोरिया बिस्तर बांधे इंतजार में है आईएएस और आईपीएस अधिकारी, ट्रॉन्सफार सूची जारी नही होने से है परेशान

Editor in cheif
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MP (संवाद)। प्रदेश में बीते 2-3 महीने से पूरे प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी की खबरे आ रही थी। जिसमे प्रदेश के दर्जन भर से ज्यादा जिलों के आईएएस और आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर सहित मंत्रालय में पदस्थ अधिकारियों के बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे थे।इसके लिये बकायदे अधिकारियों की सूची तक तैयार कर लेने की खबर रही है।कई बार ऐसा माहौल बनाया गया कि ट्रॉन्सफार सूची जारी होने की तारीख भी डिसाइड कर दी गई थी। परंतु महीनों बीतने के बाद भी ट्रॉन्सफार सूची का कहीं अता पता नही।
दरअसल 1 साल के भीतर 2023 में प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे लेकर सरकार पूरे प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने वाली है। हालांकि इसके लिए आईएएस और आईपीएस अफसरों की जमावट के लिए बकायदे सूची भी तैयार कर ली गई थी। बीते दो-तीन महीने पहले से तैयार ट्रांसफर सूची को महीनों बीतने के बाद भी जारी नहीं किया जा सका। हालांकि मंत्रालय स्थित सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा कई बार ऐसा माहौल भी निर्मित किया गया कि बस स्थानांतरण होने ही वाले हैं। इसके लिए जिन अफसरों को स्थानांतरित किया जाना है और जिनकी पदस्थापना की जाने वाली है वह लोग भी अपना बोरिया बिस्तर बांधकर महीनों से तैयार हैं।
हालांकि इस बीच प्रदेश में सरकार में कई बार ऐसे मोड़ आए जिस कारण आईएएस और आईपीएस की ट्रॉन्सफार सूची टाल दी गई। इसमें सबसे प्रमुख देखने में यह रहा कि बीते कुछ दिन पहले भाजपा सरकार में प्रदेश के मुखिया को बदलने की अटकलें लगाई जा रही थी। और साफ तौर पर यह देखा भी गया था कि इस दौरान प्रदेश के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पार्टी आलाकमान और देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से बढ़ी नज़दीकियों के साथ मध्यप्रदेश के भी कुछ बड़े नेताओं से संपर्क किया जाना साफ तौर पर प्रदर्शित हो रहा था कि मध्यप्रदेश में भाजपा में कोई सियासी भूचाल आने वाला है। जिसके बाद धीरे-धीरे समय बीता और अब सब कुछ सामान्य हो पाया है।
लेकिन अब ट्रॉन्सफार सूची के इंतजार में कई आईएएस अधिकारी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। जिसको लेकर विभागाध्यक्ष और मंत्रालय के अधिकारी भी खासे परेशान हैं। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते बड़े प्रशासनिक फेरबदल होना लंबित है। एक दर्जन से ज्यादा जिलों के कलेक्टर और एसपी निकाय चुनाव के बाद से अपने बोरी बिस्तर बांध कर तैयार बैठे हैं। लेकिन ट्रॉन्सफार सूची है कि बोतल से बाहर ही नहीं आ पा रही है।
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