उमरिया (संवाद)। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों के चुनाव में नगर पालिक निगम के महापौर और नगर पालिकाओं व नगर परिषदो के अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता के द्वारा कराए जाने का अध्यादेश राज्यपाल के पास भेजा गया है। साथ ही मध्य प्रदेश त्रि स्तरीय पंचायत व नगरीय निकायों के चुनाव कराने की स्वीकृति भी मांगी है।
वही एक बार फिर ईवीएम मशीन का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। साथ ही बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईवीएम से चुनाव कराने में भाजपा की 300 सीटें आती हैं। उन्होंने ईवीएम को हैक करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान सहित अन्य देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी ने भी ईवीएम को नहीं अपनाया सभी बैलेट से ही चुनाव करा रहे हैं। इसलिए मध्यप्रदेश में भी बैलेट से ही चुनाव कराए जाएं।
बता दें कि कमल नाथ सरकार के समय बनाई गई यह व्यवस्था अभी तक प्रभावी है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में नगर निगम के महापौर और नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का नियम बनाया गया है। पहले महापौर और पार्षद के लिए अलग-अलग मतदान होता था लेकिन कांग्रेस ने इस व्यवस्था को बदल दिया था।
सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सरकार ने पुरानी व्यवस्था बहाल करने के लिए नगर पालिक अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन किया लेकिन संशोधन विधेयक पारित नहीं हो सका। लेकिन अब जब चुनाव कराए जाने है इसी लिहाज से सरकार ने महापौरों और अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता के द्वारा वोटिंग कर कराए जाने के लिए अध्यदेश राज्यपाल को भेज दिए है।राज्यपाल की अनुमति और निर्देश के बाद पुनः मध्य प्रदेश में प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाएंगे।
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