मंत्री भूपेंद्र सिंह के शहर सागर की खस्ताहाल व्यवस्थाओं पर लोंगो ने घेरा,लगाए आरोप

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सागर (संवाद)। मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के ग्रह जिले सागर मे सड़कों की खस्ताहाल स्थिति से स्मार्ट सिटी सागर का हर बंशिदा रोज परेशानी उठाने को मजबूर है। खस्ताहाल सडको के कारण यहाँ के नागरिकों को वाहन चलाने मे तो कठिनाई हो ही रही पैदल चलना भी उसकी सेहत के लिए भारी पड़ रहा है जहां शहर के विकास के नाम पर जहां तहां सुस्त गति से चल रहे सडको के निर्माण ने आम राहगीर की परेशानी बढ़ा रखी है। तो वही पेयजल ओर सीवरेज लाइन डालने के नाम पर खोदी गई सड़कों के पेचवर्क गुणवत्ताहीन होने से सडको की दुर्दशा का दंश झेल आम राहगीर होने वाली परेशानी पर शासन ओर प्रशासन को कोस स्मार्ट सिटी सागर की सडको के खस्ताहाल हालत देख जिम्मेदारो पर तंज कस स्मार्ट सिटी होने का दम भरने वालो को हकीकत मे बनी स्थिति पर आईना दिखा रहा ।
नगरीय प्रशासन मंत्री के ग्रह जिले मे जिस तर्ज पर उनकी नाक के नीचे  स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ओर नगर निगम प्रशासन का अमला अपने कार्य को अंजाम दे रहा, उसमे साफ साफ मनमानी उजागर हो रही बावजूद इसके कभी भी स्मार्ट सिटी सागर मे चले रहे करोड़ो रुपये के विकास कार्यो की मैदानी स्थिति का अवलोकन कर कार्य के प्रगति समीक्षा करने मे स्वयं मंत्री महोदय की रुचि नही दिख रही। जिसके चलते करोड़ो रुपये के विकास कार्य मनमाने तरीके से बिना किसी प्लानिंग के होने से भष्टाचार की भेट चढ़ रहे ऎसे मे जिम्मेदार एजेंसी पर नकेल कसने की जरुरत आम लोग महसूस कर रहे। जिससे  बेहतर प्लानिंग ओर गुणवत्ता के साथ कार्य भी हो ओर लोगो को परेशानी भी नही उठाने पड़े पर यहाँ तो अंधेरगर्दी का खेल चल रहा जिससे स्वयं मंत्री भी रुबरु है ओर विकास कार्य के एवज़ मे थोडी बहुत परेशानी होने की बात कह लोगो की असुविधा को दरकिनार कर जिम्मेदार एजेंसी का बचाव कर इतिश्री किए हुए है। जिसके कारण शहरवासियो के लिए स्मार्ट सिटी की सड़कें मुसीबत का सबक साबित हो रही ओर इन खस्ताहाल सड़को पर सफर करना उसकी सेहत पर भारी पड़ रहा।
बहरहाल ऎसे हालातो से कब तक शहर की जनता को राहत मिलेगी यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब जिम्मेदार नुमायदो के पास भी नही भले ही अंको के खेल के दम पर सागर शहर स्मार्ट सिटी मे शामिल हो पर हकीकत मे आज भी इस शहर की तस्वीर बदली नज़र नही आती जब नगरीय प्रशासन मंत्री के ग्रह जिले के सूरतेहाल यह हो तो प्रदेश के अन्य शहरो मे किस तरह विकास के सूरते हाल होगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है ।

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