
भारतीय संस्कृति में सदियों से रही हल्दी की उपयोगिता कृषि विज्ञान मेला में बोले मंत्री रामखेलावन

Without turmeric, the usefulness of our dishes cannot be meaningful, while turmeric is useful in many food dishes, turmeric has been used for centuries in medicines and herbal products. Turmeric produces effective medicines for many diseases including cough, injury, pain. In order to double the income of the farmers, the state government has identified turmeric as one district one product in Shahdol district by promoting the production of turmeric, which will benefit the farmers of Shahdol district.
शहडोल (संवाद)। हल्दी के बिना हमारे व्यंजनों की उपयोगिता सार्थक नही हो सकती है, हल्दी जहां भोजन के अनेक व्यंजनों में उपयोगी है वहीं हल्दी का उपयोग सदियों से औषधियों एवं हर्बल उत्पादों में किया जाता रहा है। हल्दी से खांसी, चोट, दर्द सहित अनेकों रोंगों की कारगर दवाओं का उत्पादन होता है। प्रदेश सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के लिए हल्दी के उत्पाद को आगे बढाकर शहडोल जिले में एक जिला एक उत्पाद के रूप में हल्दी को चिन्हित किया है इससे शहडोल जिले के किसानों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक हल्दी उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करे तथा कम लागत में गुणवत्ताायुक्त एवं अधिक हल्दी का उत्पादन हो ऐसी वैज्ञानिकी तकनीकी भी किसानों तक पहुंचाए। उक्त विचार प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्वघुमक्कड़ जनजाति कल्याण एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री एवं शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामखेलावन पटेल ने आज कृषि विज्ञान मेला एवं हल्दी महोत्सव में किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी विषय पर आयोजित स्थानीय मानस भवन के कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हल्दी के उत्पादन की जानकारी वैज्ञानिकों द्वारा देकर जिला प्रशासन बाजारों में विक्रय एवं मार्केटिंग की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने कहा कि हल्दी हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करती है त्वचा में निखार एवं सुंदरता बनाती है, इसी के साथ ही हल्दी का उपयोग विभिन्न धार्मिक कार्यों एवं पूजा पाठ में भी आवश्यक रूप से किया जाता है। बाजारों में मिलने वाले हल्दी पाउडर उतने शुद्ध एवं अच्छे नही होते जितने किसानों द्वारा तैयार किये गए हल्दी उत्पाद सही एवं शुद्ध होते है। उन्होंने कहा कि पहले हम अनाजों का आयात करते थें अब गेंहू एवं धान के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गए है। इसी के साथ ही किसानों को अन्य स्थानीय उत्पादों का उत्पादन बढाकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों की आय दुगुनी करने के लिए इस तरह के प्रयास किये जा रहे है। हमारे जिले के किसान हल्दी सहित अन्य उत्पादों को बढावा देकर देश, प्रदेश एवं शहडोल जिले का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि अब वह समय आ गया है कि हमारे किसान जैविक खेती को बढावा देकर अनाज के साथ-साथ अन्य उत्पादों पर भी जोर दें और उससे अपनी आय बढाकर दुगुनी करें।
इस अवसर पर हल्दी की उपयोगिता एवं आवश्यकता पर केन्द्रीत दर्षकों ने सराहा। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान बलराम एवं मॉ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर एवं समक्ष में दीप प्रज्वलन कर अतिथियों ने किया। इस मौके पर विधायक जयसिंहनगर श्री जयसिंह मरावी, विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह, कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य, पुलिस अधीक्षक श्री अवधेष कुमार गोस्वामी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्रीमती ज्योति परस्ते, संयुक्त संचालक कृषि श्री जे.एस. पेन्द्राम, उप संचालक कृषि श्री आरपी झारिया, श्री अमर सिंह चौहान, सहायक संचालक उद्यान प्रबंधक आजीविका मिशन, कृषि वैज्ञानिक डॉ आरके प्रजापति, डॉ. राजेन्द्र ठाकुर, डॉ. एसएस शुक्ला, डॉ. मृगेन्द्र सिंह, श्री रविकांत त्रिपाठी, श्री राजेन्द्र विश्वकर्मा, श्री शीतल पोद्दार सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं जिले के किसानगण उपस्थित थें।
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