बाल विवाह रोकने निकाली जागरूकता रैली,इसके दुष्परिणामों से कराया गया अवगत

Editor in cheif
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उमरिया (संवाद)। युवा टीम उमरिया के द्वारा बुधवार को बाल विवाह रोकथाम के लिए गांव में जिले की सक्रीय युवा टीम द्वारा नारेबाजी करते हुए जागरूकता रैली निकाली गई। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विभाग के निर्देशन में रैली निकाल कर बाल विवाह संबधी कानूनी प्रावधान के बारे में बताया गया। साथ गांव में रैली को निकाला गया। इस दौरान लोगों को बाल विवाह से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। बाल विवाह बच्‍चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है। जिससे उनपर हिंसा, शोषण और यौन शोषण का खतरा बना रहता है।
        कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे युवा हिमांशू तिवारी ने कहा कि  लड़कियों पर पड़ता है अधिक प्रभाव बाल विवाह लड़कियों और लड़कों दोनों पर असर डालता है, लेकिन इसका प्रभाव लड़कियों पर अधिक पड़ता है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में अक्षय तृतीया पर बाल विवाह कर देते हैं, जिसके दुष्परिणाम होते हैं। किसी लड़की या लड़के की शादी 18 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह में औपचारिक विवाह और अनौपचारिक संबंध भी आते हैं, जहां 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे शादीशुदा जोड़े की तरह रहते हैं। बाल विवाह बच्‍चों की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और संरक्षण पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है। रविनेश चतुर्वेदी  ने ग्रामीणो को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह से होने वाली मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों के बारे में जानकारी दी. 
मुलायम सिंह यादव ने कहा रैली के माध्यम से बाल-विवाह जैसी कुप्रथा के बारे में जागरूकता लाने और बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने को लेकर जागरूक कार्यक्रम आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में  पैरा लीगल वालंटियर युवा हिमांशू तिवारी, दीपक बर्मन, रविनेश चतुर्वेदी, मुलायम सिंह, कविता बर्मन आगनबाडी कार्यकर्ता राधा बर्मन, आशा कार्यकर्ता संध्या रजक सहायिका पुनिया बाई, राजेंद्र रजक अंकिता बर्मन भूमिका बर्मन महीसा बर्मन मिया सिंह,माया बाई, उमाबाई आरती सिंह कमली बाई सरोज सिंह राधिका सिंह ऋतु सिंह रामकली सिंह सुमित्रा सिंह करण बैगा लक्ष्मी सिंह, पूजा परास्ते , नेहरू युवा केंद्र से प्रेरणा तिवारी,सहित अनेक लोग मौजूद रहे.
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